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राष्ट्रपति भवन के ‘दरबार हॉल’ का नाम अब ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम ‘अशोक मंडप’ होगा

'Darbar Hall' of Rashtrapati Bhavan will now be named 'Ganatantra Mandap' and 'Ashoka Hall' will be named 'Ashok Mandap'.

नई दिल्ली, 25 जुलाई । राष्ट्रपति भवन, भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय और निवास, राष्ट्र का प्रतीक है और लोगों की अमूल्य विरासत है। इसे लोगों के लिए और अधिक सुलभ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति भवन के माहौल को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचारों को प्रतिबिंबित करने वाला बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।

राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉल – ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ – का नाम बदलकर अब ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक मंडप’ कर दिया गया है।

‘दरबार हॉल’ में कई बड़े आयोजन होते रहे हैं। राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोहों का यह स्थान रहा है। ‘दरबार’ शब्द से भारतीय शासकों, राजा-महाराजाओं और अंग्रेजों के दरबार और सभाओं का आभास मिलता है।

सरकार ने कहा, “भारत के गणतंत्र बनने के बाद इसकी प्रासंगिकता खत्म हो गई है। ‘गणतंत्र’ की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए दरबार हॉल का नाम बदलकर ‘गणतंत्र मंडप’ कर दिया गया है। बड़े आयोजन स्थल के लिए यह एक उपयुक्त नाम है।”

‘अशोक हॉल’ मूल रूप से एक बॉलरूम था। ‘अशोक’ शब्द का अर्थ है वह व्यक्ति जो “सभी दुखों से मुक्त” या “किसी भी दुख से रहित” हो। साथ ही, ‘अशोक’ सम्राट अशोक को संदर्भित करता है, जो एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक है।

भारतीय गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक का शेर शीर्ष पर है। यह शब्द अशोक वृक्ष को भी संदर्भित करता है, जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है। ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर ‘अशोक मंडप’ करने से भाषा में एकरूपता आती है और ‘अशोक’ शब्द से जुड़े प्रमुख मूल्यों को बनाए रखते हुए अंग्रेजीकरण के निशान मिट जाते हैं।

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