उर्वरकों की निगरानी के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान जिला प्रशासन ने छह उर्वरक विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजबीर सिंह ने आज यहां बताया कि जिन दुकानों के लाइसेंस निलम्बित किए गए हैं उनमें अशोका बीज भंडार (नारनौंद), भोले फर्टिलाइजर बीज भंडार (हिसार), पन्नू फर्टिलाइजर बीज भंडार (बास), बाबा लाल दास बीज भंडार (हांसी), चौधरी कृषि भंडार (हांसी) तथा कंदल कृषि भंडार (पेटवाड़) शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि डीलरों के उर्वरक स्टॉक विवरण के अद्यतन के लिए बिक्री केन्द्र (पीओएस) में दिए गए विवरण से मेल नहीं खाते। उनके लाइसेंस 21 नवंबर से 4 दिसंबर तक निलंबित कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “इस दौरान वे उर्वरक नहीं बेच पाएंगे।”
डीलर को पीओएस मशीन में किसान का आधार नंबर दर्ज करना था और किसान का अंगूठा भी लेना था। लेकिन आरोपी डीलरों ने प्रक्रिया पूरी किए बिना ही किसान को खाद दे दी। नतीजतन, भौतिक स्टॉक शून्य हो गया, लेकिन पीओएस में स्टॉक दिखाई दिया, जिससे मांग और आपूर्ति प्रणाली बाधित हुई।
उन्होंने कहा, “यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि किस डीलर के पास उर्वरक है और किसके पास स्टॉक नहीं है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उर्वरक विक्रेता भौतिक स्टॉक और पीओएस का सही मिलान नहीं करते हैं, तो भविष्य में भी कार्रवाई की जाएगी।