May 28, 2025
Himachal

चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत: कांग्रेस बताए कि वह किसे बचाने की कोशिश कर रही है: भाजपा

Death of Chief Engineer Vimal Negi: Congress should tell who it is trying to save: BJP

हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में कांग्रेस सरकार को बताना चाहिए कि वह किसे बचाने की कोशिश कर रही है। यह बात भाजपा प्रवक्ता एवं विधायक त्रिलोक जम्वाल ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने मृतक एचपीपीसीएल अधिकारी और उसके परिवार को न्याय से वंचित करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि राज्य की जांच एजेंसियों ने मुख्य अभियंता की संदिग्ध मौत की जांच के लिए तीन अलग-अलग जांच टीमें बनाई थीं।

नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और बाद में 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर जिले के भाखड़ा बांध से बरामद हुआ था। उनके परिवार के सदस्यों ने 19 मार्च को शिमला में एचपीपीसीएल कार्यालय के बाहर उनके शव के साथ सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था, लेकिन राज्य सरकार ने मृतक अधिकारी की पत्नी किरण नेगी की याचिका स्वीकार नहीं की। बाद में किरण नेगी ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया।

त्रिलोक जामवाल ने आरोप लगाया कि यह अनुचित जांच है और मामले को कमजोर करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि जन आक्रोश के बाद ही सरकार को बिजली निगम के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि किरण नेगी की शिकायत के बाद ही एचपीपीसीएल के अधिकारी, जिनमें निदेशक (विद्युत) देश राज भी शामिल हैं, उनके पति को परेशान कर रहे थे।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार की कार्यप्रणाली में पूरी तरह से मजाक व्याप्त है, क्योंकि शासन में न तो न्याय है और न ही अनुशासन। उन्होंने कहा कि विमल नेगी की मौत की जांच में हर अधिकारी के अलग-अलग बयान हैं और वे उच्च न्यायालय के रिकॉर्ड में हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि जांच में कोई सहयोग नहीं कर रहा है, जबकि एसपी ने कहा कि जांच निष्पक्ष तरीके से की गई है। सरकार के महाधिवक्ता ने मामले को सीबीआई को सौंपने का विरोध किया और अतिरिक्त मुख्य सचिव का बयान भी विवादास्पद है।

जामवाल ने कहा कि मामले में मुख्यमंत्री का अंतिम बयान और भी गैरजिम्मेदाराना था, क्योंकि उन्होंने कहा था कि यदि किरण नेगी मांग करतीं तो सरकार इस मामले को सीबीआई को सौंप देती, जबकि पूरा सरकारी तंत्र मामले को सीबीआई को सौंपने का विरोध कर रहा है।

Leave feedback about this

  • Service