हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से संबंधित घटनाओं में दो और शव बरामद होने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है, जबकि 29 अन्य लापता लोगों की तलाश जारी है।
मंगलवार को मंडी जिले के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की दस घटनाएं, तीन बार अचानक बाढ़ और एक भूस्खलन हुआ। अधिकारियों ने बताया कि आज सुबह दो शव बरामद किए गए। इनमें से सात शव गोहर से, पांच थुनाग से और एक शव मंडी जिले के करसोग उपमंडल से बरामद किया गया।
आपदाओं में 150 से ज़्यादा घर, 104 मवेशी शेड, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि आपदाओं में कुल 162 मवेशी मारे गए, जबकि मंडी में 316 लोगों सहित 370 लोगों को बचाया गया और पांच राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
सोलंग नाला के पास नाले में बाढ़ आने के कारण मनाली-केलांग मार्ग अवरुद्ध हो गया है और यातायात को रोहतांग दर्रे से डायवर्ट किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने लोगों और मशीनरी को तैनात किया है।
एसईओसी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण राज्य में कुल 261 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, जिनमें से 186 मंडी जिले में हैं जबकि 599 ट्रांसफार्मर और 797 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने बुधवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया। सुक्खू ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि अगर आस-पास कोई सरकारी जमीन उपलब्ध है, तो उसे उन लोगों को आवंटित किया जाएगा, जिन्होंने अपने घर खो दिए हैं।
उन्होंने कहा, “यदि भूमि वनों के अंतर्गत आती है तो मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।” ठाकुर ने कहा कि लापता लोगों की संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, वहां हवाई मार्ग से राशन गिराया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की दो टीमें, पुलिस और होमगार्ड के साथ मिलकर जिले में खोज और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं।