कांग्रेस के गुजरात में हुए अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि आरएसएस को हराना कांग्रेस के लिए शेखचिल्ली के सपने जैसा है।
भाजपा विधायक शर्मा ने कहा है कि आरएसएस को तो जवाहरलाल नेहरू भी नहीं हरा पाए थे। संघ को हराना शेखचिल्ली के सपने के समान है। नेहरू ने भी आरएसएस को हराने की कोशिश की, मगर सफल नहीं हुए। इतना ही नहीं, कई षड्यंत्र रचे गए, स्वयंसेवकों को जेल में डालने की कोशिश की गई, इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया और स्वयंसेवकों पर ज्यादती की गई, संघ के स्वयंसेवकों के साथ क्रूर व्यवहार किया गया, उनके नाखून खींचे गए, उन्हें मारा गया, उन्हें सताया गया, उनकी संपत्ति का नुकसान किया गया, पर संघ का स्वयंसेवक देहनिष्ठ कार्यकर्ता है। इतना ही नहीं, स्वयंसेवक का ध्येय “मैं रहूं न रहूं, मेरा हिंदुस्तान रहना चाहिए” है।
उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस का कार्यकर्ता सत्ता के लिए नहीं लड़ता, हिंदुस्तान के लिए लड़ता है। वह राम, कृष्ण, गौतम बुद्ध, महावीर, गुरुनानक की संस्कृति के लिए लड़ता है। वह भारत की सेना के पीछे इसलिए खड़ा होता है, क्योंकि वह जानता है कि सैनिक मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देश की सीमा पर खड़े हैं। सीमा पर जो सेना खड़ी है, वह हमारा खून है, उसी की सुरक्षा करना हमारा धर्म है।
कांग्रेस आखिर संघ से क्यों नहीं लड़ सकती, इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस से कांग्रेस इसलिए नहीं लड़ सकती क्योंकि कांग्रेस झूठी बिरयानी खाने में मस्त है, कांग्रेस आतंकवाद का समर्थन करने में मस्त है, कांग्रेस पाकिस्तान और जिन्ना की भाषा बोलने में मस्त है। कांग्रेस ने न तो महात्मा गांधी का चरित्र लिया और न ही सुभाष चंद्र बोस का। कांग्रेस ने गांधी की बजाय सत्ता को हथियाने का चरित्र लिया है। चाहे व्यक्तियों को मारकर सत्ता ली जाए, चाहे देश जलाकर सत्ता ली जाए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह जान ले कि जब तक आरएसएस है, अब हिंदुस्तान का विभाजन नहीं हो सकता। न अब देशद्रोही ताकत पल सकती हैं। राहुल गांधी, जीतू पटवारी, सोनिया गांधी सब कान खोलकर सुन लें कि आरएसएस को कोई नहीं हरा सकता, संघ को हराना शेखचिल्ली का सपना है।
दरअसल, कांग्रेस के गुजरात अधिवेशन में राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा आरएसएस को लेकर बयान दिया गया और मुकाबले के लिए तैयार रहने का आह्वान किया गया था।
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