कोलकाता, 20 अगस्त । इस महीने की शुरुआत में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की जांच करने वाली सीबीआई की टीम में एजेंसी की महिला अधिकारी सीमा पाहुजा को शामिल किया गया है। वह 2020 के हाथरस सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच करने वाली टीम का हिस्सा रह चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 14 सितंबर 2020 को कथित तौर पर ऊंची जाति के चार लोगों ने 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया था। लड़की को इलाज के लिए दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां दो सप्ताह बाद उसने दम तोड़ दिया था।
पहुजा वर्तमान में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में अतिरिक्त अधीक्षक के पद पर हैं। वह पिछले कुछ समय से एजेंसी की विशेष अपराध इकाई से जुड़े हुए हैं।
इस बीच, सीबीआई ने सोमवार को कोलकाता की एक निचली अदालत से मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए एकमात्र व्यक्ति संजय रॉय का नार्को परीक्षण कराने की अनुमति मांगी।
सूत्रों ने कहा कि रॉय का नार्को परीक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि सीबीआई अधिकारियों द्वारा पूछताछ के दौरान उसके द्वारा दिए गए बयानों में कई विसंगतियां हैं।
रॉय एक सिविक वालंटियर था जो अस्पताल की पुलिस चौकी पर तैनात था। उसे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। स्थानीय मीडिया ने बताया कि रॉय ने अपराध स्वीकार कर लिया है, लेकिन कई लोग कह रहे हैं कि बलात्कार और हत्या किसी अकेले व्यक्ति का काम नहीं हो सकता।
कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पिछले सप्ताह मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने के निर्देश के बाद कोलकाता पुलिस ने रॉय को सीबीआई को सौंप दिया था।
सीबीआई की एक टीम सोमवार शाम कोलकाता पुलिस मुख्यालय पहुंची और उन जगहों के सीसीटीवी फुटेज मांगे जहां अपराध से पहले और बाद में रॉय को देखा गया था।
इससे पहले आज सीबीआई के अधिकारी पीड़ित लड़की के घर गए और उसके परिवार के सदस्यों से बात की।
हाथरस मामले में आरोपी चार लोगों में से तीन को उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने मार्च, 2023 में बरी कर दिया था। चौथे आरोपी संदीप सिसोदिया को गैर-इरादतन हत्या का दोषी पाया गया।
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