दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। 70 विधानसभा वाली दिल्ली में कई सीटें ऐसी हैं, जिन पर सभी की नजर है। इन्हीं में से एक है नई दिल्ली विधानसभा सीट, जिसने राष्ट्रीय राजधानी को लगातार छह बार मुख्यमंत्री दिया है। हालांकि, इस बार इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है, क्योंकि पिछले छह विधानसभा चुनाव में जो भी इस सीट से जीता है, वही दिल्ली का मुख्यमंत्री बना है।
इस बार नई दिल्ली विधानसभा सीट पर दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के सामने संदीप दीक्षित और प्रवेश वर्मा चुनौती बनकर खड़े हैं। आइए जानते हैं नई दिल्ली विधानसभा चुनाव के समीकरण के बारे में।
दरअसल, 1993 से अब तक सात बार नई दिल्ली विधानसभा सीट पर चुनाव हुए हैं। साल 1998 में पहली बार शीला दीक्षित इसी सीट से विधायक चुनीं गईं, जो बाद में दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री भी बनीं। वह लगातार 1998, 2003 और 2008 तक यहां से विधायक चुनीं गईं। हालांकि, उन्हें 2013 में हार का सामना करना पड़ा और अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए। वह पहली बार विधायक बने और फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री भी बने। 2013, 2015 और 2020 से केजरीवाल यहां के विधायक चुने जा रहे हैं। अब उनकी नजर जीत का चौका लगाने पर है।
2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को 46,758 वोट मिले थे। उनका वोट प्रतिशत 61.10 था, जबकि भाजपा के उम्मीदवार सुनील कुमार यादव को 25,061 वोट मिले थे, उनका शेयर 32.75 फीसदी था और कांग्रेस के रोमेश सभरवाल को 4.21 फीसदी वोटों के साथ 3,220 मत मिले थे।
नई दिल्ली विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या एक लाख से अधिक है। यहां पुरुष मतदाता 54,668, महिला मतदाता 45,713 और थर्ड जेंडर वोटर एक है। यहां कुल वोटर 1,00,382 है।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने इस बार चुनौतियां नजर आ रही हैं। शराब घोटाला मामले में जेल जाने के बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन, वह एक बार फिर इसी सीट से दावेदारी ठोंक रहे हैं। वहीं, उनके सामने भाजपा ने प्रवेश वर्मा और कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को टिकट दिया है। प्रवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा और संदीप दीक्षित की मां शीला दीक्षित भी दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। ऐसे में केजरीवाल की इस बार राह आसान नहीं दिख रही है।