दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आतिशी को विपक्षी दल के नेता के रूप में मान्यता प्रदान की है। यह निर्णय विधानसभा सदस्य आतिशी, जो सदन में सरकार के विपक्ष में सर्वाधिक सदस्यों वाले दल की नेता हैं, को दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता देने के लिए लिया गया।
इस संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष ने 2001 के ‘विधानसभा नेता प्रतिपक्ष (वेतन एवं भत्ते) अधिनियम, 2001’ की धारा-2 के तहत आतिशी को तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता दी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव-2025 में आम आदमी पार्टी (आप) को भारतीय जनता पार्टी से कड़ी शिकस्त मिली। इस हार के बाद आतिशी मुख्यमंत्री पद से हट गईं, लेकिन उनकी सैलरी और भत्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दिल्ली में मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष को समान वेतन और सुविधाएं मिलती हैं। इसका मतलब यह है कि भले ही अब आतिशी मार्लेना की मुख्यमंत्री की कुर्सी छिन गई हो, उनकी सैलरी, भत्तों और सुविधाओं में किसी तरह की कोई कटौती नहीं होगी।
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि, यह पहले से ही तय था कि विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें यह कुर्सी छोड़नी होगी। चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी को विपक्ष में बैठना पड़ा और पार्टी ने आतिशी को नेता प्रतिपक्ष बना दिया। इसी वजह से उन्हें मुख्यमंत्री के समान वेतन और अन्य भत्ते मिलते रहेंगे।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत तमाम दिग्गज नेताओं के हारने के बाद विधानसभा पहुंची आतिशी ही वह नेता थीं, जिसे आम आदमी पार्टी ने सर्वसम्मति से अपने दल का नेता चुना था।
–