N1Live National दिल्ली बेबी केयर अस्पताल अग्निकांड : पुलिस की जांच में खुलासा, लाइसेंस मार्च में हो गया था समाप्त, डॉक्टर भी नहीं थे योग्य
National

दिल्ली बेबी केयर अस्पताल अग्निकांड : पुलिस की जांच में खुलासा, लाइसेंस मार्च में हो गया था समाप्त, डॉक्टर भी नहीं थे योग्य

Delhi Baby Care Hospital fire incident: Police investigation revealed, the license had expired in March, even the doctors were not qualified.

नई दिल्ली, 26 मई । दिल्ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर अस्पताल में लगी आग में सात नवजात शिशुओं की मौत के कुछ घंटों बाद, दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवा (डीजीएचएस) द्वारा बेबी केयर न्यू बॉर्न चाइल्ड हॉस्पिटल को जारी किया गया लाइसेंस 31 मार्च को ही समाप्त हो चुका है। अस्पताल में जो डॉक्टर नवजात का इलाज करने के लिए थे, वह भी योग्य नहीं थे, क्योंकि वे केवल बीएएमएस डिग्री धारक हैं।

दिल्ली पुलिस ने अस्पताल मालिक और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। मालिक की पहचान पश्चिम विहार के भैरों एन्क्लेव निवासी नवीन खिची के रूप में हुई, जबकि डॉक्टर की पहचान हरियाणा के जिला चरखी दादरी निवासी डॉ. आकाश (26) के रूप में हुई, जो बीएएमएस है।

पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि शनिवार रात करीब 11.30 बजे बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में आग लगने के संबंध में एक पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) कॉल विवेक विहार पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुई, जिसके बाद एक पुलिस टीम मौके पर पहुंची।

मौके पर पहुंचने पर पता चला कि आग ने अस्पताल और उसके आसपास की इमारत को अपनी चपेट में ले लिया है।

डीसीपी ने कहा, ”अस्पताल में 12 नवजात शिशु भर्ती थे और एक की आग लगने की घटना से पहले ही मौत हो चुकी थी। सभी 12 नवजात शिशुओं को अन्य लोगों की मदद से अस्पताल से बचाया गया और इलाज के लिए पूर्वी दिल्ली एडवांस एनआईसीयू अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।”

डीसीपी ने कहा कि दमकल की गाड़ियां भी मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया।

दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि अस्पताल में सात बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि पांच नवजात शिशुओं का इलाज चल रहा है।

डीसीपी ने कहा, “सभी 7 शवों को पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज दिया गया है।”

डीसीपी ने आगे कहा कि आग बुझाने के बाद अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो वहां फटे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर मिले। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 336, 304 ए और 34 के तहत अपराध के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके अलावा, पुलिस स्टाफ, फायर ब्रिगेड स्टाफ और क्राइम टीम द्वारा अस्पताल का गहन निरीक्षण किया गया।

डीसीपी ने कहा, ”अस्पताल के निरीक्षण और नर्सिंग स्टाफ की जांच करने पर, यह पाया गया कि वहां कोई अग्निशामक यंत्र नहीं था, अनुचित प्रवेश-निकास, आपातकालीन निकास की अनुपस्थिति, बीएएमएस डॉक्टर की तैनाती आदि, इस मामले में दंडात्मक धारा 304 और 308 आईपीसी लागू की गई है।”

डीसीपी ने कहा कि समाप्त हो चुके लाइसेंस के अनुसार भी अस्पताल को केवल पांच बिस्तरों की अनुमति थी, लेकिन घटना के समय अस्पताल में 12 नवजात भर्ती थे।

जांच के दौरान पता चला कि ‘बेबी केयर न्यू बॉर्न चाइल्ड हॉस्पिटल’ की विवेक विहार, पंजाबी बाग समेत हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम में चार शाखाएं हैं। डीसीपी ने बताया कि इस अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन खिची पीडियाट्रिक मेडिसिन में एमडी है।

डीसीपी ने कहा, ”वह और उनकी पत्नी डॉ. जागृति (दंत चिकित्सक) उक्त अस्पताल चला रहे हैं। आग लगने का संभावित कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। विद्युत निरीक्षक (श्रम विभाग) से विद्युत निरीक्षण रिपोर्ट प्राप्त की जा रही है। दिल्ली अग्निशमन सेवा से भी रिपोर्ट प्राप्त की जा रही है।”

डीसीपी ने बताया, “मृतक का पोस्टमार्टम जीटीबी अस्पताल में किया गया है।”

बेबी केयर सेंटर में आग लगने की घटना में सात बच्चों की हुई मौत के बाद दिल्ली पुलिस को अस्पताल के मालिक की तलाश थी। जानकारी के अनुसार अस्पताल का मालिक फरार चल रहा था, जिसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

Exit mobile version