सावन महीने में भोले की भक्ति का रंग दिल्ली पर भी चढ़ा है। राष्ट्रीय राजधानी में इस बार कांवड़ियों के लिए भव्य कार्यक्रम रखे गए हैं, जहां एक कार्यक्रम में मंगलवार को खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हिस्सा लिया। दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में स्थित बाबा श्यामगिरी मंदिर में रेखा गुप्ता ने कांवड़ियों का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कांवड़ लाने वाली महिलाओं का तिलक लगाकर आशीर्वाद लिया और शिवभक्तों पर फूलों की वर्षा की। इस दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा, शाहदरा के विधायक संजय गोयल और दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष सत्या शर्मा मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कांवड़ लेकर आईं महिला श्रद्धालुओं के माथे पर तिलक लगाया और उनके पैर छुए।
इस बार दिल्ली में सरकार की ओर से 374 कांवड़ शिविर लगाए गए हैं। सभी शिविर कैंपों में सरकार की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
मंत्री कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “दिल्ली शिवभक्ति में सराबोर है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ बाबा श्यामगिरी मंदिर पर कांवड़ियों का भव्य स्वागत का सौभाग्य मिला। तिलक लगाकर अभिनंदन करते हुए दिल्ली सरकार ने शिवभक्तों को सम्मान और सेवा का संदेश दिया। ये यात्रा सनातन की शक्ति और श्रद्धा का उत्सव है। शिवमय दिल्ली का हर कोना भोलेनाथ की महिमा से गूंज रहा है।”
इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा परिसर में ‘नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन’ (एनईवीए) कक्ष का दौरा किया और आगामी मानसून सत्र के लिए आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। यह प्रशिक्षण 21 से 23 जुलाई तक आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य कागज रहित विधायी कार्यप्रणाली को सुदृढ़ और सहज बनाना है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, दिल्ली विधानसभा के मुख्य सचेतक अभय वर्मा, कैबिनेट सहयोगी प्रवेश वर्मा और विधायक सतीश उपाध्याय उपस्थित रहे।
रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से सभी सदस्यों को डिजिटल विधायी प्रक्रियाओं में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे मानसून सत्र में उनकी सहभागिता अधिक प्रभावशाली हो सके। ‘एनईवीए’ जैसे नवाचार न सिर्फ विधायिका की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और सक्षम बनाते हैं, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को डिजिटल रूप से सशक्त करने की दिशा में भी एक निर्णायक कदम है। दिल्ली सरकार के प्रयास से विधायी कार्यों में नवाचार का यह दौर निश्चित ही हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को और सशक्त करेगा।”