दिल्ली विधानसभा की तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है, राजनीतिक दलों की मतदाताओं को लुभाने की कोशिश और तेज होती जा रही है। दिल्ली चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां एक-एक सीट का गुणा-भाग कर रही हैं। ऐसे में दिल्ली की चांदनी चौक विधानसभा के अंतर्गत आने वाली त्रिनगर विधानसभा बहुत महत्वपूर्ण है।
चांदनी चौक लोकसभा में आने वाली त्रिनगर सीट 1993 में अस्तित्व में आई थी। तब से यहां हर चुनाव में जबरदस्त मुकाबले होते रहे हैं। साल 2020 में आम आदमी पार्टी (आप) की उम्मीदवार प्रीति तोमर ने भारतीय जनता पार्टी के तिलक राम गुप्ता को 10,710 वोटों के अंतर से हराया था। प्रीति तोमर को 58,504 वोट जबकि तिलक राम गुप्ता को 47,794 वोट मिले थे। कांग्रेस के उम्मीदवार कमल कांत शर्मा को 4,075 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में कुल 1,67,978 वोटरों में से 66 प्रतिशत यानी 1,11,697 लोगों ने वोट डाले थे, जो त्रिनगर क्षेत्र के लिए एक अच्छा मतदान प्रतिशत था।
त्रिनगर विधानसभा सीट के इतिहास पर नजर डालें, तो इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का प्रभुत्व शुरुआत में देखने को मिला था। साल 1993 में पहली बार यहां विधानसभा चुनाव हुआ और भाजपा के उम्मीदवार नंद किशोर गर्ग ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1998 में भी नंद किशोर गर्ग ने दोबारा जीत हासिल की थी। साल 2003 में कांग्रेस के उम्मीदवार अनिल भारद्वाज ने उन्हें हराया, और 2008 में भी अनिल भारद्वाज ने भाजपा उम्मीदवार को हराकर दोबारा जीत हासिल की। हालांकि इस बार मुकाबला कड़ा था, जिसमें हार-जीत का अंतर मात्र 1,969 वोटों का था।
साल 2013 में बीजेपी के नंद किशोर गर्ग ने एक मजबूत वापसी की और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जितेंद्र सिंह तोमर को 2,809 वोटों से हराया। कांग्रेस के उम्मीदवार अनिल भारद्वाज तीसरे स्थान पर रहे। हालांकि 2015 में फिर से दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुआ और इस बार आम आदमी पार्टी ने इतिहास रचते हुए भाजपा को हराया। आप के उम्मीदवार जितेंद्र सिंह तोमर ने नंद किशोर गर्ग को 22,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया।
साल 2020 में फिर से आम आदमी पार्टी की प्रीति तोमर ने अपनी पार्टी की जीत सुनिश्चित की, जबकि बीजेपी को तीसरी बार हार का सामना करना पड़ा। इस तरह से त्रिनगर विधानसभा सीट पर 2020 के चुनावों में एक बार फिर से आप ने बीजेपी को शिकस्त दी और कांग्रेस को भी कोई खाता खोलने का मौका नहीं मिला।
त्रिनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत त्रिनगर, रामपुरा, शकूरपुर और कोहाट एनक्लेव के चार निगम वार्ड आते हैं, जो स्थानीय चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दिल्ली की त्रिनगर विधानसभा सीट पर आगामी चुनावों में एक बार फिर से दिलचस्प मुकाबला देखने की संभावना है, क्योंकि आप इस सीट पर अपनी जीत की लकीर को बनाए रखना चाहती है, जबकि भाजपा इस बार जीत की कोशिश में जुटी है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी को एक चरण में होगा। इस बार कुल 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिला और 1,261 थर्ड जेंडर को मिलाकर 1.55 करोड़ से अधिक मतदाता अपने बहुमूल्य अधिकार का प्रयोग करेंगे। नतीजों का ऐलान 8 फरवरी को होगा।
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