दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों के नेता मतदाताओं को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने पूर्वांचल के मतदाताओं को लुभाने के लिए नया दांव खेला है। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि यदि पार्टी दिल्ली में सत्ता में आई तो पूर्वांचल के लोगों के लिए अलग मंत्रालय बनाया जाएगा।
दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर बिहार के कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने ये जानकारी दी। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी और भाजपा पर निशाना साधा।
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि चुनाव के समय आप-भाजपा वादा करती है कि सभी अनियमित कॉलोनियों को नियमित कर दिया जाएगा, लेकिन चुनाव खत्म होते ही सारे वादे भूल जाते हैं। एक तरफ केजरीवाल जी पूर्वांचल के लोगों को ये कहकर अपमानित करते हैं के वे 500 रुपये का टिकट कटाकर आते हैं और 5 लाख का इलाज करा के चले जाते हैं।
दूसरी तरफ जेपी नड्डा हमारी तुलना बांग्लादेशी घुसपैठ से करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारा वादा है कि हम पूर्वांचल के लोगों के लिए अलग मंत्रालय बनाएंगे। उनके लिए अलग बजट बनाया जाएगा ताकि स्वास्थ्य, शिक्षा समेत तमाम समस्याओं से निजात मिल सके।
वहीं, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जब कांग्रेस रुपये की बात करती थी, तब भाजपा के धुरंधर नेता कहते थे- हमें डॉलर से मतलब नहीं है क्योंकि हम दूसरी करेंसी में व्यापार कर रहे हैं। सच्चाई ये है कि हिंदुस्तान के विदेशी ट्रेड का 86 प्रतिशत हिस्सा डॉलर में होता है। वहीं, नरेंद्र मोदी के मित्र ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन, साउथ अफ्रीका) का कोई देश डॉलर के अलावा किसी और मुद्रा में व्यापार करता है तो उस पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगेगा।
उन्होंने कहा कि इसका साफ मतलब है कि आपको डॉलर में ही व्यापार करना पड़ेगा। इसलिए हमारे कुछ सवाल हैं:- क्या मोदी सरकार को रुपये के लगातार गिरने से रत्ती भर भी फर्क पड़ता है? क्या रुपये को मजबूत करने के लिए किसी भी प्रकार की रणनीति बनी है? क्या मोदी सरकार को यह परवाह है कि गिरते रुपये का सीधा संबंध महंगाई से है? अगर हां.. तो लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए सरकार क्या कर रही है?
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के बाद अखिलेश प्रसाद सिंह ने आईएएनएस से बीत की। पूर्वांचल मंत्रालय किस तरह का होगा। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिस तरह से उत्तर-पूर्व मंत्रालय बना। उत्तर-पूर्व के लोग मुख्यधारा से कटे हुए थे, उन्हें इसमें लाया गया। अनियमित कॉलोनियों में पूर्वांचल के लोग जिंदगी गुजार रहे हैं, उनके लिए जो एक जीने का मानक होना चाहिए वो नहीं है। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने अलग मंत्रालय का फैसला किया है। पूर्वांचल के लोगों को मुख्यधारा में लाया जाएगा। दिल्ली के लोगों को जो सुविधाएं मिलती हैं उन्हें भी वो मिलनी चाहिए। उनके लिए अलग बजट बनाया जाएगा।
बता दें कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में पांच फरवरी को मतदान होगा और नतीजे आठ फरवरी को घोषित होंगे।
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