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जलवायु परिवर्तन को लेकर दिल्ली सरकार की बैठक, 40 से ज्यादा विभागों और संस्थानों ने लिया हिस्सा

Delhi government meeting regarding climate change, more than 40 departments and institutions participated

नई दिल्ली, 21 अगस्त। दिल्ली सरकार ने जलवायु परिवर्तन को लेकर एक बड़ी बैठक बुलाई थी, जिसमें 40 से ज्यादा संस्थाओं और विभागों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में ‘जलवायु परिवर्तन पॉलिसी’ में बदलाव को लेकर चर्चा हुई।

‘क्लाइमेट चेंज पॉलिसी’ में बदलाव के बाद उसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। केंद्र सरकार से मिले सुझावों के बाद इसे दिल्ली में लागू किया जाएगा।

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। इस बैठक में गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली समेत पूरे भारत में विकास की अंधी दौड़ में प्रकृति के साथ छेड़छाड़ हुई है। इस वजह से जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है। इस साल लोगों को भीषण गर्मी और रिकॉर्ड तोड़ बारिश का सामना करना पड़ा। वायु प्रदूषण की समस्या से हम लगातार जूझ रहे हैं।

गोपाल राय ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से बचने के लिए दिल्ली सरकार ने कई नई नीतियां बनाई हैं। 2019 में दिल्ली सरकार ने क्लाइमेट चेंज पॉलिसी का निर्माण किया था। अब जलवायु परिवर्तन का प्रभाव और तेजी से बढ़ रहा है। इस पॉलिसी में बदलाव के लिए विभिन्न विभागों को मिलाकर एक कोर ग्रुप बनाया गया। इस ग्रुप से आए प्रस्तावों पर फैसले लेने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेयरिंग कमेटी बनाई गई।

गोपाल राय ने कहा कि इस कमेटी ने एक ड्राफ्ट प्रस्तावित किया और बुधवार को इस पर राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें 40 से ज्यादा संस्थानों और विभागों ने हिस्सा लिया। इस पॉलिसी को 7 सेक्टरों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जिनमें बिजली, शहर, जल, हरित क्षेत्र, परिवहन, कृषि और स्वास्थ्य प्रबंधन को रखा गया है। इन सात सेक्टरों को ध्यान में रखकर पॉलिसी बनाई जाएगी और केंद्र सरकार को प्रस्तावित की जाएगी। केंद्र के सुझावों के बाद इसे दिल्ली में लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजहों को खोजने और एक बॉर्डर पॉलिसी का प्रपोजल भी हमारे पास आया है। हम इसे केंद्र के पास भेजेंगे और वहां से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली के अंदर उसे लागू करेंगे।

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