April 10, 2025
National

दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने जनकपुरी में नाले का किया निरीक्षण, साफ-सफाई के दिए निर्देश

Delhi government minister Ashish Sood inspected the drain in Janakpuri and gave instructions for cleaning it

दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने गुरुवार को जनकपुरी के पंखा रोड स्थित नाले का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को साफ-सफाई का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य उचित सफाई सुनिश्चित करने के साथ क्षेत्र से कचरा और मलबा हटाना है।

दरअसल, मंत्री आशीष सूद गुरुवार सुबह अधिकारियों के साथ जनकपुरी के पंखा रोड पर पहुंचे, जहां उन्होंने नाले का निरीक्षण किया और गंदगी देखकर तत्काल अधिकारियों को सफाई के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने अतिक्रमण हटाने पर भी जोर दिया। निरीक्षण के दौरान पीडब्ल्यूडी, एमसीडी और अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

मंत्री आशीष सूद ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, बाढ़ नियंत्रण विभाग, जल बोर्ड और दिल्ली पुलिस समेत सभी संबंधित विभागों के साथ पंखा रोड का संयुक्त निरीक्षण किया। हमारा लक्ष्य उचित सफाई सुनिश्चित करना और क्षेत्र से कचरा और मलबा हटाना है। प्रभावी स्वच्छता उपाय लागू करने के प्रयास जारी हैं।”

इससे पहले, उन्होंने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) की तरफ से द्वारका सेक्टर 3, फेज-3 में संचालित रैन बसेरे का निरीक्षण किया था। इस दौरान उनके साथ डीयूएसआईबी के सीईओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार दिल्ली में सभी बेसहारा लोगों को आश्रय देने के साथ-साथ जीवनयापन के लिए जरूरी मूलभूत सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। हम समय-समय पर इन नाइट शेल्टर होम का दौरा करेंगे और यहां दी जा रही सुविधाओं की जांच भी की जाएगी।

उन्होंने नाइट शेल्टर को संचालित करने वाली एजेंसी को निर्देश दिया कि वह गुणवत्ता के सभी मानकों को पूरा करे, अन्यथा उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के बाद मंत्री आशीष सूद ने बताया था कि औचक निरीक्षण का उद्देश्य इन रैन बसेरों की वास्तविक स्थिति जानना था।

इससे पहले मंत्री आशीष सूद और पटपड़गंज से भाजपा विधायक रवींद्र सिंह नेगी ने 8 अप्रैल को मयूर विहार फेज-2 में स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने स्कूल के शिक्षकों से बात की और मिड-डे-मील के तहत मिलने वाले खाने की गुणवत्ता को भी जांचा था।

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