January 19, 2025
Delhi National

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पाइसजेट की उड़ान सेवाओं को ‘रोकने’ की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

Delhi High Court

नई दिल्ली,  दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें स्पाइसजेट लिमिटेड की सभी उड़ान सेवाओं को बंद करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने याचिका को सूचीबद्ध करने का कोई आधार नहीं मिलने के बाद याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा, “विमान अधिनियम विमानन उद्योग के संबंध में मजबूत तंत्र प्रदान करता है और यह अदालत जनहित याचिका में दिए गए अनुमानों के आधार पर किसी एयरलाइन को देश में परिचालन से नहीं रोक सकती है।”

अधिवक्ता राहुल भारद्वाज के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि एयरलाइन को एक बड़ी दुर्घटना को रोकने के लिए अपनी सेवा बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि कई यात्रियों की जान-माल की क्षति हो सकती है।

इसने आगे आरोप लगाया कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पिछले तीन महीनों में ऐसी सात घटनाओं का जिक्र करते हुए कई घटनाओं और बाल-बाल बचे रहने के बावजूद एयरलाइन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

याचिका में कहा गया है कि यह यात्रियों के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का उल्लंघन है। हालांकि, अदालत ने कहा कि डीजीसीए ने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और वह इस मामले में आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र होगी।

इस मामले में भारत संघ, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और स्पाइस जेट लिमिटेड अन्य प्रतिवादी हैं।

याचिका में 1 मई को मुंबई-दुगार्पुर उड़ान में बारह यात्रियों के घायल होने सहित विभिन्न घटनाओं का हवाला दिया गया था।

इसने आगे कहा, 30 मई को डीजीसीए ने दोषपूर्ण सिम्युलेटर में पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए स्पाइसजेट को नियुक्त किया।

याचिका में यह भी कहा गया है कि 5 जुलाई को दुबई जाने वाली उड़ान में तकनीकी खराबी के कारण आपात स्थिति में लैंडिंग की गई और उसी दिन एक टूटी हुई विंडशील्ड के कारण विमान ने मुंबई में लैंडिंग को प्राथमिकता दी।

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