नई दिल्ली, 7 फरवरी । दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को न्यूजक्लिक के मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। यूएपीए के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में मीडिया आउटलेट पर चीन के विचारों के प्रसार के लिए धन प्राप्त करने का आरोप है।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 9 जनवरी को चक्रवर्ती को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी थी। उन्होंने विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष एक आवेदन दायर कर माफी की मांग की थी।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष चक्रवर्ती के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को निचली अदालत ने माफी दे दी है और वह जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
चक्रवर्ती के वकील ने अदालत को बताया, “3 अक्टूबर 2023 से हिरासत में होने के बावजूद मामले की अभी भी जांच चल रही है, और अभी तक कोई आरोप पत्र दायर नहीं किया गया है।”
ट्रायल कोर्ट ने 29 जनवरी को मामले में न्यूज़क्लिक के संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की न्यायिक हिरासत 17 फरवरी तक बढ़ा दी थी।
इससे पहले, विशेष न्यायाधीश ने चक्रवर्ती को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी थी, जिसने दावा किया था कि उसके पास ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी है जिसका वह दिल्ली पुलिस को खुलासा करना चाहता है।
अदालत ने पिछले साल 22 दिसंबर को दिल्ली पुलिस को जांच पूरी करने के लिए 60 दिन का और समय दिया था। हालाँकि पुलिस ने अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर कर तीन महीने का अतिरिक्त समय माँगा था।
आवेदन में मामले में दस्तावेजों और सबूतों की विशाल प्रकृति पर जोर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि एजेंसी को दिल्ली के बाहर विभिन्न स्थानों का दौरा करने की जरूरत है, जिससे अपेक्षित देरी हो रही है।
स्पेशल सेल ने मामले में 17 अगस्त 2023 को न्यूज़क्लिक के खिलाफ यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
न्यूयॉर्क टाइम्स की अगस्त 2023 की एक रिपोर्ट में न्यूज़क्लिक पर कथित तौर पर चीनी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से जुड़े नेटवर्क द्वारा वित्त पोषित संगठन होने का आरोप लगाया गया था।