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दिल्ली मैंगो फेस्टिवल, अंगूर से लेकर जंबो साइज तक के आम

Delhi Mango Festival, mangoes ranging from grapes to jumbo size

नई दिल्ली, 7 जुलाई । दिल्ली में मैंगो फेस्टिवल का आयोजन किया गया। यह 33वां मैंगो फेस्टिवल था। दिल्ली हाट जनकपुरी में आयोजित मैंगो फेस्टिवल में लगभग 500 से भी अधिक किस्म के आमों को प्रदर्शित किया गया।

यहां आम की कई हैरान करने देने वाली किस्में थीं, अंगूर के बराबर के वजन का आम था। वहीं, दूसरी ओर एक किलो से अधिक वजन का आम भी प्रदर्शनी में था। यहां मलिहाबाद, सीतापुर और वेस्ट बंगाल से आए आम भी थे। मैंगो फेस्टिवल में राम केला, केसर चौसा, रटोल, हुस्नरा, आम्रपाली, फ़ाजली, गुलाब जामुन, लंगड़ा, तोतापरी, दशहरी आदि प्रजाति के आम देखने को मिले।

देश के कोने-कोने से आम की खेती करने वाले किसान अपने आमों की वैरायटी प्रदर्शित करने के लिए मैंगो फेस्टिवल में पहुंचे। रविवार को फेस्टिवल का आखिरी दिन रहा। हजारों की संख्या में लोगों ने मैंगो फेस्टिवल का आनंद उठाया। इस दौरान आमों की प्रदर्शनी के साथ-साथ कल्चरल प्रोग्राम का भी प्रबंध किया गया।

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मैंगो फेस्टिवल में प्रदर्शनी का भ्रमण किया। भारद्वाज ने यहां मौजूद किसानों से बातचीत की और भिन्न-भिन्न प्रकार के आमों के बारे में जानकारी ली। आमों के लिए सबसे मशहूर उत्तर प्रदेश के क्षेत्र मलिहाबाद से आए एक किसान ने मंत्री सौरभ भारद्वाज को बताया कि इस बार वह लगभग 300 से अधिक किस्म के आम फेस्टिवल में प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्होंने अलग-अलग आमों की प्रजाति के बारे में सौरभ भारद्वाज को जानकारी दी तथा अपने इस बार के कुछ सबसे अलग किस्म के आमों का स्वाद भी भारद्वाज को चखाया।

प्रदर्शनी में वेस्ट बंगाल से आए एक किसान ने बताया कि इस बार वह लगभग 60 से 70 किस्म के आम प्रदर्शनी में लेकर आए हैं। किसान ने भारद्वाज को अपने सबसे खास आमों में से कुछ आम की वैरायटी दिखाई। यह मैंगो फेस्टिवल आम जनता के लिए आकर्षण का केंद्र बना। दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में मैंगो फेस्टिवल का आनंद लेने पहुंचे। मैंगो फेस्टिवल में न केवल आम की प्रदर्शनी लगाई गई, बल्कि आम खरीदने की भी सुविधा उपलब्ध थी। तरह-तरह की किस्म के आमों का आनंद लेने का ऐसा मौका दिल्ली की जनता को साल में एक बार ही मिल पाता है और दिल्ली की जनता ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया।

यहां न केवल जनता को अलग-अलग किस्म के आमों की जानकारी मिली, बल्कि अलग-अलग किस्म के आमों का स्वाद चखने का भी एक अनोखा मौका मिला। दूसरी ओर देश के कोने-कोने से आए किसानों को भी आम बेचकर अच्छी खासी आमदनी हुई।

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