दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) की तरफ से क्लासरूम घोटाला मामले में दूसरी बार समन भेजा गया है। इस बार उन्हें 20 जून को पेश होने के लिए कहा गया है।
इससे पहले भी उन्हें समन भेजा गया था, जिसमें उन्हें 9 जून को पेश होने के लिए कहा गया था। उन्होंने कुछ व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पेश होने से साफ इनकार कर दिया था, जिसके बाद अब उन्हें दूसरी बार यह समन भेजा गया है। इस मामले में सत्येंद्र जैन से भी पूछताछ हो चुकी है।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मंजूरी मिलने के बाद एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी। एसीबी ने 30 अप्रैल को मनीष सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
बता दें कि यह मामला करीब 2000 करोड़ रुपए के कथित घोटाले से जुड़ा है। उन पर करीब 12,748 क्लासरूम और इमारतों के निर्माण में अनियमितता बरतने का आरोप है।
एसीबी के मुताबिक क्लासरूम के निर्माण की लागत को असामान्य रूप से बढ़ाया गया। साथ ही जांच में यह भी पता चला कि क्लासरूम्स को सेमी-पर्मानेंट स्ट्रक्चर के रूप में बनाया गया। इसके अलावा, जिन ठेकेदारों को इसका ठेका मिला था, उनके संबंध ‘आप’ पार्टी से जुड़े थे।
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने बताया कि आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को सरकारी स्कूलों में 12,748 कक्षाओं के निर्माण में कथित 2,000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में समन जारी किया है। उन दोनों पर बीते 30 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी।
आरोप है कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मनमाने तरीके से क्लासरूम की लागत और साइज बढ़ाकर इसका फायदा लिया। दोनों पर सरकारी नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगा।
क्लासरूम बनाने की लागत 24.86 लाख रुपये बताई गई, जबकि दिल्ली में इसी तरह के निर्माण की लागत 5 लाख रुपये का खर्च आता है।
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