सिरसा, 17 जुलाई पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा हरियाणा सरकार को सड़कें खोलने के निर्देश जारी करने के बाद किसान संगठनों ने एक बार फिर दिल्ली की ओर कूच करने की तैयारी शुरू कर दी है। मंगलवार सुबह सिरसा से किसान अपने वाहनों और ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ डबवाली के गांव किलियांवाली में हरियाणा-पंजाब सीमा पर स्थित धरना स्थल पर एकत्र हुए। यहां से किसान खनौरी बॉर्डर की ओर कूच करेंगे। यहां से वे दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
भारतीय किसान एकता के नेता लखविंदर सिंह औलाख ने पुलिस अधिकारियों को किसानों को आगे बढ़ने देने के लिए मनाने की कोशिश की ताकि वे पंजाब की खनौरी सीमा पर इकट्ठा हो सकें। लेकिन, सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक हरियाणा पुलिस ने उनका रास्ता रोककर उन्हें सीमा की ओर बढ़ने से मना कर दिया।
इस दौरान एक एंबुलेंस भी जाम में फंसी रही, लेकिन पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। हालांकि, किसानों के बढ़ते दबाव के चलते पुलिस को दोपहर करीब तीन बजे जाम खुलवाना पड़ा, जिसके बाद किसान बॉर्डर की ओर कूच कर गए।
औलाख ने बताया कि पिछले 155 दिनों से डबवाली में अलग-अलग किसान संगठनों से जुड़े किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रेलरों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को वे खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बड़ी संख्या में एकत्र होंगे। इसके बाद वे अंबाला एसपी के कार्यालय जाएंगे और राज्य की सीमाएं खुलने के बाद वे दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
13 फरवरी को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान समेत कई राज्यों से किसान जत्थे दिल्ली की ओर बढ़े थे। लेकिन हरियाणा सरकार ने बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी थी, जिसके चलते किसानों को खनौरी, शंभू, संगरिया और किलियांवाली (डबवाली) में कैंप लगाना पड़ा।