दिल्ली पुलिस की पूर्वी रेंज-I अपराध शाखा ने नकली और प्रतिबंधित सिगरेट की बिक्री में शामिल चार व्यापारियों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई के दौरान, पुलिस ने लगभग 2.40 नकली और प्रतिबंधित सिगरेट बरामद की हैं।
दिल्ली पुलिस की पूर्वी रेंज-I अपराध शाखा को 9 अक्टूबर को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग अवैध सिगरेट बेचने के लिए आए हुए हैं। सूचना पर कार्रवाई करते हुए, एसीपी सुनील श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर लिछमन और एसआई जितेंद्र के नेतृत्व में अपराध शाखा की एक टीम ने निलोठी एक्सटेंशन, दिल्ली में छापा मारा।
छापेमारी के दौरान पवन गुप्ता और दिलीप यादव को एक टेंपो के साथ पकड़ा गया, जिसमें नकली आईटीसी गोल्ड फ्लेक सिगरेट के 14 कार्टन थे। जांच में कार्टन के अंदर लगभग 1.6 लाख सिगरेट रखी हुई थी। इसके बाद मेसर्स आईटीसी लिमिटेड के प्रतिनिधि ने मौके पर ही नकली होने की पुष्टि की।
पवन गुप्ता और दिलीप यादव से पूछताछ के आधार पर, दो और आरोपी, परवीन सिंह और पुनीत गुप्ता को चंदर विहार चौक से गिरफ्तार किया गया। इनके पास से ईएसएसई लाइट्स के 8 कार्टन ले जा रही एक ईको गाड़ी बरामद की गई, जिसमें 80,000 सिगरेट थीं। इन सिगरेटों पर वैधानिक स्वास्थ्य चेतावनी नहीं थी और ये नकली पाई गईं, जिनमें नकली ‘गोल्ड फ्लेक’ और ‘ईएसएसई लाइट्स’ शामिल हैं।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह गिरोह निलोठी जैसे स्थानीय ठिकानों पर बड़ी खेप लेता था और उसके बाद छोटे-छोटे पैकों में बांटकर बाजारों और मेट्रो स्टेशनों के पास रेहड़ी-पटरी वालों के माध्यम से बेचा करता था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इनसे पूछताछ की जा रही है। अभी आगे इनके पूरे गिरोह की तलाश हो रही है। इसके लिए पुलिस टीम भी बनाई जा रही है। ये लोग किस-किस दुकान पर कितने में अवैध सिगरेट को बेचते थे, इसकी भी जांच की जा रही है।
Leave feedback about this