दिल्ली पुलिस के दक्षिण-पश्चिम जिले की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड (एएटीएस) टीम ने बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने दो कुख्यात वाहन चोरों को गिरफ्तार किया, जिनकी निशानदेही पर छह चोरी की स्कूटी और दो चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की गईं।
पुलिस कार्रवाई से जिले में हुई 10 वाहन चोरी की घटनाओं का खुलासा हुआ है। गिरफ्तारी तकनीकी और मैन्युअल निगरानी के साथ 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की गहन जांच के बाद संभव हुई।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान रोहित उर्फ बोना (36 वर्ष), निवासी कैलाशपुरी, पालम कॉलोनी, दिल्ली और पंकज उर्फ डाबरा (33 वर्ष), निवासी इसराइल कैंप, रंगपुरी पहाड़ी, दिल्ली, के रूप में हुई है। दोनों अपराधी जिले के अलग-अलग सब-डिवीजन में सक्रिय थे। रोहित दिल्ली कैंट क्षेत्र में और पंकज वसंत कुंज क्षेत्र में वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे।
हाल के दिनों में दक्षिण-पश्चिम जिले में दोपहिया वाहनों की चोरी की घटनाएं बढ़ने पर एएटीएस टीम को सक्रिय किया गया। टीम को चोरी स्थलों का दौरा करने, सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने और संदिग्धों की पहचान करने का निर्देश दिया गया। इंस्पेक्टर राम कुमार के नेतृत्व में एएसआई प्रवीण, जयपाल, धर्मेंद्र, विनोद कुमार, हेड कांस्टेबल मोहित, नरेंद्र, रविंदर, देवेंद्र, प्रशांत, मनोज मोरल और कांस्टेबल प्रवीण की विशेष टीम गठित की गई। एसीपी ऑपरेशंस विजय पाल सिंह तोमर के पर्यवेक्षण में यह अभियान चलाया गया।
300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की जांच और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर दोनों आरोपियों की पहचान हुई। 10-11 नवंबर 2025 की मध्यरात्रि को छापेमारी की गई। रोहित उर्फ बोना को ब्रह्मपुरी सागरपुर से एक चोरी की स्कूटी के साथ पकड़ा गया, जो ई-एफआईआर नंबर 029891/25 (सेक्शन 305(बी) बीएनएस, थाना पश्चिम विहार) से संबंधित थी। इसी तरह, पंकज उर्फ डाबरा को बंगाली टोला पार्क, रंगपुरी पहाड़ी से टीवीएस एनटॉर्क स्कूटी के साथ गिरफ्तार किया गया, जो ई-एफआईआर नंबर 024991/25 (थाना वसंत कुंज दक्षिण) की थी।
आरोपियों की निशानदेही पर आगे बरामदगी हुई। रोहित से शकुंतला अस्पताल के पास नाला रोड से दो स्कूटी और पंखा रोड जनकपुरी पेट्रोल पंप से एक मोटरसाइकिल बरामद की गई। पंकज से अर्जुन कैंप महिपालपुर से दो स्कूटी और एक मोटरसाइकिल मिली। कुल 8 वाहन बरामद हुए, जिनसे 10 मामले सुलझे।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास काफी पुराना रहा है और वे कई मामलों में वांछित हैं। रोहित उर्फ बोना ने 2013 में आत्माराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया, लेकिन नौकरी न मिलने पर शरारती तत्वों के संपर्क में आया। शराब और गांजा की लत लगी, फिर जनरल स्टोर से चोरी शुरू की और वाहन चुराने लगा। चोरी के बाद वाहनों में ईंधन भरवाकर लावारिस छोड़ देता था। वह पहले 15 मामलों (चोरी, एमवीटी, आर्म्स एक्ट) में शामिल रहा है।
वहीं, पंकज उर्फ डाबरा 7वीं तक पढ़ा, परिवार की गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ी। दिल्ली आकर मजदूरी की, लेकिन गांजा और स्मैक की लत लग गई। जरूरतों के लिए मोबाइल और वाहन चोरी शुरू की। वह 16 मामलों (चोरी, आर्म्स एक्ट, एमवीटी, हत्या का प्रयास) में वांछित था।

