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दिल्ली: केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की

Delhi: Union Minister Pralhad Joshi meets Vice President CP Radhakrishnan

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंगलवार को संसद भवन में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। उपराष्ट्रपति को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सुधारों, पारदर्शिता बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित उपायों के बारे में जानकारी दी गई।

उन्होंने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सौर और पवन ऊर्जा क्षमता के तीव्र विस्तार, राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत हुई प्रगति और नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की शीघ्र प्राप्ति की भी सराहना की और ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन और विकसित भारत-2047 में उनके योगदान की प्रशंसा की।

इससे पहले उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा लिखित पुस्तक ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ का विमोचन किया। उपराष्ट्रपति ने पुस्तक लेखन के लिए देवनानी को बधाई दी और इसे एक सामयिक और महत्वपूर्ण योगदान बताया, विशेष रूप से ऐसे समय में जब देश पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी मना रहा है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी महज एक व्यक्ति नहीं बल्कि स्वयं में एक संस्था थे, जिनका जीवन और नेतृत्व सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक था।

वाजपेयी के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान 12वीं और 13वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में उनसे सीखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उन्होंने जनसंघ के दिनों की सुखद यादें साझा कीं, जिनमें आपातकाल से पहले कोयंबटूर में वाजपेयी के लिए एक विशाल जनसभा का आयोजन करना भी शामिल है, एक ऐसा अनुभव जिसने उन पर गहरा और अमिट प्रभाव छोड़ा।

उपराष्ट्रपति ने राष्ट्र निर्माण में वाजपेयी के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत को कई क्षेत्रों में रूपांतरित किया। ऑपरेशन शक्ति के तहत मई 1998 में पोखरण में हुए सफल परमाणु परीक्षणों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वाजपेयी के निर्णायक नेतृत्व ने वैश्विक मंच पर भारत के आत्मविश्वास और संकल्प को प्रदर्शित किया। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के प्रेरणादायक नारे, “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान” को भी याद किया, जो राष्ट्रीय शक्ति के प्रति उनके समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है।

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