नई दिल्ली, 30 जुलाई केरल के वायनाड में भूस्खलन के कारण कई लोगों की जान गई है और सैकड़ों परिवार इससे प्रभावित हुए हैं। मंगलवार को यह विषय राज्यसभा में उठा। यहां सांसदों ने वायनाड में राहत एवं बचाव कार्य के लिए केंद्र सरकार से 5000 करोड़ रुपए की मदद देने की मांग की। इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग भी सरकार से की गई है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विषय पर कहा कि मिट्टी में दबने से 50 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है। खड़गे ने सरकार से पूछा कि वह इस विषय पर जानकारी दें कि वहां क्या राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं। क्या, राहत कार्यों के लिए सेना को भेजा गया है।
केरल से सीपीआई (एम) के सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि हम चाहते हैं कि सेना को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तुरंत केरल भेजा जाए। केरल के ही एक अन्य सांसद संतोष कुमार ने कहा कि केरल में आई इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। आईयूएमएल के सांसद अब्दुल वहाब ने कहा कि प्रधानमंत्री व अन्य लोगों ने इस पर अपनी चिंता जाहिर की है। लेकिन वहां राहत कार्यों के लिए तुरंत मदद पहुंचाई जानी चाहिए।
सांसदों ने बताया कि केरल में आई इस आपदा में 500 से अधिक परिवार फंसे हुए हैं। कई लोगों की लाश उनके घरों से काफी दूर मिली है। कई परिवार इस हादसे के शिकार हो गए हैं।
कांग्रेस सांसद जेबी माथेर हीशम ने कहा कि छोटे बच्चे, युवा और कई परिवारों के तीन-चार-पांच लोग और कई जगह पूरे का पूरा परिवार इस हादसे की भेंट चढ़ गया। कई परिवारों में कोई भी जीवित नहीं बचा। उन्होंने सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की और कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 5,000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जानी चाहिए। इलाके में पुल टूट गए हैं। राहत के लिए अस्थाई पुल तुरंत बनाने की आवश्यकता है।
सीपीआई (एम) के सांसद ए ए रहीम ने कहा कि हम केंद्र सरकार से मदद की प्रार्थना करते हैं। इस पर सभापति ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप पूरे घटनाक्रम से अवगत नहीं हैं। सूर्योदय से पहले ही प्रधानमंत्री ने इस मामले में एक्शन लिया है। केंद्र सरकार राज्य के साथ इस विषय में समन्वय कर रही है और सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
राज्यसभा में इस विषय पर जमकर हंगामा भी हुआ। सभापति ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सही आचरण करने के लिए कहा। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आपदा का यह विषय हम सबके लिए चिंता का विषय है। नेता प्रतिपक्ष ने केवल एक मांग रखी है कि उनके एक सदस्य को बोलने दिया जाए। सभापति ने कहा कि इस समय हम सब मिलकर पीड़ितों के प्रति अपनी सद्भावना व्यक्त करते हैं।
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