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वाराणसी में बन रहे लकड़ी के खिलौने की विदेशों में बढ़ी डिमांड

Demand for wooden toys made in Varanasi has increased in foreign countries

वाराणसी, 20 दिसंबर । वाराणसी में लकड़ी के खिलौने का इतिहास लगभग 100 साल पुराना है। आज ये लकड़ी के खिलौने सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी ब्रिक्री के लिए भेजे जा रहे हैं। यहां आने वाले टूरिस्ट लकड़ी से बनाए गए उत्पादों को खरीदते हैं। इसमें वाराणसी से सटे घाट शामिल हैं।

खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लकड़ी के खिलौने के उद्योग को बढ़ावा देने से वैश्विक स्तर पर इसकी मांग में वृद्धि हुई है। क्रिसमस पर वाराणसी में बने 10,000 से अधिक लकड़ी के खिलौने स्पेन, ब्राजील और अमेरिका जैसे देशों में भेजे जा रहे हैं। क्रिसमस पर लकड़ी के बने उत्पाद की मांग बढ़ गई है। करीब 60 महिलाओं को इससे रोजगार भी मिला है।

लकड़ी के खिलौने तैयार करने वाले बिहारी लाल अग्रवाल ने बताया कि उनके यहां पर लकड़ी के खिलौने तैयार किए जाते हैं। खिलौने के अलावा हिन्दू-देवी देवताओं की मूर्ति तैयार की जाती है। क्रिसमस को लेकर हम लोगों ने लकड़ी के उत्पाद तैयार किए हैं। भारत में लकड़ी के खिलौने की काफी मांग है। हालांकि, भारत के अलावा विदेशों से भी लकड़ी के खिलौनों की मांग हो रही है। चूंकि अभी क्रिसमस का त्योहार नजदीक है तो विदेशों से हमें कई ऑर्डर मिले हैं। उन्होंने कहा कि हमारे परिवार के लोगों ने ही बनारस में सबसे पहले खिलौने बनाए थे। वर्तमान सरकार ने लकड़ी के खिलौने को प्रमोट किया है। जीआई टैग मिला है। हमारे यहां के उत्पाद विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जा रहा है।

खिलौना निर्माता शुभी अग्रवाल ने बताया कि इस क्रिसमस पर सितारे, क्रिसमस ट्री, घंटियां और सांता क्लॉज की लकड़ी की छोटी मूर्तियां बनाई है। जिन्हें दरवाजे पर लटकाने या उपहार देने के लिए डिजाइन किया गया है। विदेशों से इसकी खूब डिमांड हुई है। इन हस्तनिर्मित वस्तुओं के वैश्विक स्तर पर ऑर्डर मिले हैं।

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