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मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर ‘लक्ष्मीनगर’ करने की उठी मांग, भाजपा एमएलसी बोले- आर्थिक प्रगति का प्रतीक बनेगा

Demand raised to change the name of Muzaffarnagar to 'Laxminagar', BJP MLC said - it will become a symbol of economic progress

लखनऊ, 6 मार्च। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भाजपा के एमएलसी मोहित बेनीवाल ने मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर ‘लक्ष्मीनगर’ रखने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर एक गन्ने की नगरी है और यहां के लोगों की मांग है कि इसका नाम बदलकर ‘लक्ष्मीनगर’ किया जाए।

भाजपा एमएलसी मोहित बेनीवाल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “भारत में मुगल शासकों ने अपनी आक्रामक नीतियों के तहत मंदिरों को तोड़ने का काम किया और नगरों के नामों को बदला। मुजफ्फरनगर का नाम एक मुगल अधिकारी ‘मुजफ्फर अली’ के नाम पर रखा गया था, जबकि इसे गन्ने की नगरी के तौर पर पहचाना जाता है। मैंने इसका नाम बदलकर ‘लक्ष्मीनगर’ करने की मांग को विधान परिषद में उठाया है। लंबे समय से मुजफ्फरनगर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की मांग है कि जनपद के नाम को बदला जाए।”

मोहित बेनीवाल ने अबू आजमी के बयान को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) से सवाल भी पूछा। उन्होंने कहा, “गुमराह करने के अलावा उनके (अबू आजमी) पास कोई विषय नहीं होता है। आज सपा के सभी नेताओं को बताना होगा कि क्या वे मुगल शासकों के साथ खड़े हैं या फिर देश के साथ खड़े हैं। उन्हें (सपा) बताना चाहिए कि वे किसके साथ खड़े हैं। देश की जनता चाहती है कि हमारी सांस्कृतिक विरासत एक धरोहर के रूप में हो। हमारी पहचान महाकुंभ के माध्यम से दुनियाभर में पहुंची है। लगभग 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जिससे वैश्विक पटल पर एक पहचान मिली।”

मोहित बेनीवाल ने यूपी विधान परिषद में कहा कि साल 2018 में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया था, जो एक अनूठा उदाहरण था। मैं महाभारत काल से जुड़े मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर करने की मांग करता हूं। यह केवल नाम बदलने का प्रश्न नहीं है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक गौरव, सभ्यता के पुनर्जागरण व ऐतिहासिक सत्य की पुनर्स्थापना का संकल्प है। मुजफ्फरनगर कोई साधारण भूमि नहीं है, महाभारत काल से जुड़े हुए इसी जनपद के शुक्रताल में राजा परीक्षित ने ऋषि शुकदेव से भागवत पुराण का ज्ञान प्राप्त किया था। ऐसे में इस पवित्र स्थान का एक मुगल शासक मुजफ्फर अली के नाम से जाना उचित नहीं होगा?

उन्होंने आगे कहा, “यह क्षेत्र कृषि, व्यापार व आर्थिक सम्पन्नता के साथ गुड़ की मिठास का भी केंद्र है। लक्ष्मीनगर नाम क्षेत्र की आर्थिक प्रगति का प्रतीक बनेगा, यह नाम गंगा के निर्मल प्रवाह जैसा परिवर्तनकारी होगा जो हमारी सभ्यता व सांस्कृतिक गौरव को पुनः स्थापित करते हुए, इस क्षेत्र की पहचान को दिशा देगा।”

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