पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन की प्रदेश कार्यकारिणी के आह्वान पर पटवारियों एवं कानूनगो ने सेक्टर 12 में धरना देकर राजस्व मंत्री के नाम डिप्टी कमिश्नर उत्तम सिंह को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि सरकार द्वारा जारी की गई उस सूची को वापस लिया जाए जिसमें कथित तौर पर पटवारियों को उचित कानूनी एवं संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किए बिना भ्रष्ट बताया गया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष पदम कुमार ने कहा कि सरकार बिना किसी जांच के पटवारियों को भ्रष्ट घोषित कर उन्हें बदनाम कर रही है। उन्होंने कहा, “इस कदम से पटवारियों और विभाग की छवि धूमिल हो रही है और अपूरणीय क्षति हो रही है।”
उन्होंने कहा कि इसके विरोध में राज्य भर के पटवारी तीन दिन तक काली पट्टी बांधकर तहसीलों में काम करेंगे तथा अतिरिक्त कार्यभार संभालने से इंकार कर देंगे।
सर्व कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष सुशील गुर्जर ने पटवारियों के साथ एकजुटता व्यक्त की और जनता का पक्ष लेने के लिए कर्मचारियों को गलत तरीके से निशाना बनाने के लिए सरकार की आलोचना की। “कर्मचारी बिना किसी कारण के बदनामी बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर सरकार सूची वापस लेने में विफल रहती है, तो पूरे हरियाणा के कर्मचारी पटवारियों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन करेंगे,” गुर्जर ने चेतावनी दी।
शहर के पटवारियों ने सोमवार को पटवारी एवं कानूनगो संघ के बैनर तले प्रदर्शन किया और अपने कुछ साथियों को भ्रष्ट बताने वाली सूची जारी होने पर अपना गुस्सा जाहिर किया। मिनी सचिवालय पर आयोजित प्रदर्शन के कारण पटवार भवन में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। संपत्ति रिकॉर्ड जारी करने और नए पटवारियों को प्रशिक्षण देने जैसे काम घंटों तक बाधित रहे।
प्रदर्शन के बाद यूनियन ने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। पटवारी एवं कानूनगो यूनियन के जिला अध्यक्ष लाभ सिंह ने भ्रष्टाचार की सूची की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि यह सूची सीआईडी द्वारा तैयार की गई है। उन्होंने इसे पटवारियों के खिलाफ अपमानजनक कदम बताया और तीन दिन के भीतर सूची वापस लेने तथा इसे जारी करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
लाभ सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो संघ राज्य कार्यकारिणी के निर्देशानुसार आंदोलन को और तेज करेगा। उन्होंने कहा कि इस सूची से पूरे पटवारी समाज की छवि धूमिल हुई है और इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस विरोध प्रदर्शन में जिले भर के पटवारियों ने हिस्सा लिया। विरोध प्रदर्शन समाप्त होने के बाद ही आवश्यक राजस्व संबंधी सेवाएं बहाल हुईं, जिससे निवासियों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए इंतजार करना पड़ा।
सूची को लेकर सोनीपत, पानीपत में विरोध प्रदर्शन सोशल मीडिया पर वायरल हुई पटवारियों की भ्रष्ट गतिविधियों में कथित संलिप्तता की सूची से नाराज पटवारी एसोसिएशन के सदस्यों ने आज पानीपत और सोनीपत में विरोध प्रदर्शन किया।
पटवारियों ने कहा कि वे अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए तीन दिनों तक काले बिल्ले पहनकर काम करेंगे। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर कम से कम 370 पटवारियों की एक सूची वायरल हुई थी, जिसमें उन पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप था। पानीपत के नौ और सोनीपत के 41 पटवारी भ्रष्टाचार की सूची में शामिल थे।
पानीपत में लघु सचिवालय पर प्रदर्शनकारी। हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ से सम्बद्ध राजस्व पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन, हरियाणा के बैनर तले पटवारियों ने सोमवार को पानीपत में लघु सचिवालय पर एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त के माध्यम से राजस्व मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में पटवारियों ने कहा, “नियमानुसार अनिवार्य विभागीय जांच किए बिना ही सभी पटवारियों को भ्रष्ट घोषित किया जा रहा है। इस संबंध में सीआईडी की रिपोर्ट न्यायोचित नहीं है। यह प्राकृतिक कानून का सीधा उल्लंघन है और असंवैधानिक कृत्य है।”
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि राजस्व मंत्री को सूची को निरस्त घोषित करना चाहिए। आरोपों का खंडन करते हुए पटवारियों ने कहा कि अगर किसी को संदेह है तो उचित विभागीय जांच करवाई जानी चाहिए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पटवारियों को बदनाम करना ठीक नहीं है।
सोनीपत में पटवारियों ने एकत्रित होकर सूची के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिला अध्यक्ष सनी मलिक के नेतृत्व में पटवारियों ने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस सूची ने न केवल उन्हें बदनाम किया है, बल्कि उनका मनोबल भी गिराया है। उन्होंने कहा कि यह गैरकानूनी और असंवैधानिक है। पटवारियों ने सूची को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की।
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