शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने हमीरपुर के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक की जादू के जरिए मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसे जमा करने की योजना को विफल कर दिया है। न केवल उपनिदेशक की योजना वापस ले ली गई है, बल्कि मंत्री ने ‘जादुई’ कदम के लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगने के आदेश भी जारी किए हैं। मंत्री ने कहा, “स्कूलों में जादू के शो आयोजित करना ठीक है, लेकिन उन्होंने पत्र भेजकर गैर-जिम्मेदाराना तरीके से काम किया है। पत्र वापस ले लिया गया है और हमने उपनिदेशक से स्पष्टीकरण मांगा है।”
सोशल मीडिया पर आज वायरल हुए पत्र में उप निदेशक ने एक जादूगर को स्कूलों में जादू के शो आयोजित करने की अनुमति इस शर्त पर दी है कि जादूगर इन शो से होने वाली आय का 30 प्रतिशत मुख्यमंत्री राहत कोष और आपदा प्रबंधन कोष में जमा करेगा। जादू के शो आयोजित करने के अलावा उप निदेशक ने जादूगर को अंधविश्वास, जमाखोरी और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजनाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाने का भी निर्देश दिया है।
पत्र जारी होते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ‘अपने खजाने को भरने के लिए स्कूली बच्चों को जादू दिखा रही है।’ जब मामला शिक्षा मंत्री के संज्ञान में आया तो उन्होंने तुरंत पत्र वापस लेने के आदेश जारी कर दिए। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उप निदेशक ने खुद ही यह पहल की। अधिकारी ने कहा, ‘वह कुछ समय पहले ही उप निदेशक बने हैं और उनके पास प्रशासनिक अनुभव की कमी है।’
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