संगरूर : जाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा जारी स्थगन आदेशों के बावजूद शहर के पार्क में पेड़ों की कटाई की ताजा घटना ने एक बार फिर पर्यावरण मानदंडों के पालन की कमी को उजागर कर दिया है।
पार्क का रखरखाव रेडक्रॉस और जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। नवंबर 2020 में भी इसी पार्क में पेड़ काटे गए थे और तत्कालीन उपायुक्त ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।
लेकिन कथित तौर पर, उस समय सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण, इसी तरह की एक और घटना हुई है।
शहर के नाभा गेट के बाहर स्थित सिटी पार्क के दौरे के दौरान पता चला कि कुछ लोगों ने पार्क की बाहरी दीवार के पास सात पेड़ काट दिए हैं।
बीती शाम जब लोगों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने अधिकारियों को सूचना दी।
यह देखना निराशाजनक है कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद संगरूर प्रशासन अपने ही पार्क में पेड़ों की कटाई को रोकने में विफल रहा है। स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता जसिंदर सेखों ने कहा, ‘मैं अधिकारियों और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगा।
मॉर्निंग और ईवनिंग वॉकर्स ने घटना पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि काटे गए पेड़ों से किसी को कोई परेशानी नहीं हुई, क्योंकि पैदल चलने वाला ट्रैक उनसे दूर है।
“यह वास्तव में अजीब है कि किसी ने बिना किसी वैध औचित्य के पार्क के कोने में जाकर इन पेड़ों को काटना पसंद किया। प्रशासन को इसकी जांच करानी चाहिए और पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए।
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