N1Live National नफरत की राजनीति के बावजूद देश की दो-तिहाई आबादी हिंदू राष्ट्र के पक्ष में नहीं : मणिशंकर अय्यर
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नफरत की राजनीति के बावजूद देश की दो-तिहाई आबादी हिंदू राष्ट्र के पक्ष में नहीं : मणिशंकर अय्यर

Despite the politics of hatred, two-thirds of the country's population is not in favor of Hindu Rashtra: Mani Shankar Aiyar

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने सोमवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति के बावजूद देश की दो-तिहाई आबादी हिंदू राष्ट्र के पक्ष में नहीं है।

इसके साथ ही मणिशंकर अय्यर ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां सभी का खुले दिल से स्वागत होता है और सभी को गले लगाया जाता है। एक-दूसरे के साथ सद्भाव के साथ रहना चाहिए।

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि मैं भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, दक्षिण एशियाई देशों और दूसरे मुल्कों दुबई, सऊदी अरब, ब्रिटेन या अमेरिका में रहने वाले मुसलमान भाइयों और बहनों को ईद की मुबारकबाद देता हूं। मैं उस भारत से बोल रहा हूं, जहां की सरजमीं सबका स्वागत करती है। सब इस देश में खुशी से रहें, एक-दूसरे के साथ सब अमन से रहें और एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखना चाहिए। इस पर कोई नफरत की जरूरत नहीं है, देश में नफरत फैलाया जा रहा है। लेकिन, इसके बावजूद दो-तिहाई हिंदुस्तानी, जिसमें कम से कम 50 प्रतिशत हिंदू हैं, जिन्होंने उन सियासी शक्तियों को सहारा नहीं दिया कि इस देश को कभी हिंदू राष्ट्र बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि यह एक सेक्युलर देश है और सब यहां एक साथ रहते हैं। आज ईद के अवसर पर सभी मुसलमान भाइयों और भारत के मुस्लिम समुदाय को यही संदेश पहुंचाना चाहता हूं कि मुझे यह कहने का मौका दिया गया।

इससे पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने देश के पूर्व पीएम और कांग्रेस नेता राजीव गांधी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते हुए कहा था, “इंदिरा गांधी का नाम सभी जानते हैं। जब राजीव गांधी (प्रधानमंत्री) बने तो लोगों ने सोचा और मैंने खुद सोचा कि यह एयरलाइन पायलट हैं। दो बार फेल हो चुके हैं।”

उन्होंने आगे कहा था, “मैं उनके साथ कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ा था। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में वह (राजीव) फेल हो चुके हैं। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में फेल होना बहुत ही मुश्किल है। वहां फर्स्ट डिवीजन पास होना आसान है। लेकिन, वहां फेल होना बहुत मुश्किल है क्योंकि यूनिवर्सिटी अपनी छवि बरकरार रखने के लिए कोशिश करती है कि सभी कम से कम पास हो जाएं। लेकिन, इसके बावजूद राजीव गांधी फेल हो गए। फिर वह गए इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन, वहां दोबारा फेल हुए। मैंने सोचा कि ऐसे व्यक्ति को क्या प्रधानमंत्री बनना है।”

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