N1Live National देवेंद्र बबली ने अपने किए पर जताई शर्मिंदगी, किसानों से मांगी माफी
National

देवेंद्र बबली ने अपने किए पर जताई शर्मिंदगी, किसानों से मांगी माफी

Devendra Babli expressed embarrassment over his actions, apologized to the farmers

टोहना, 20 सितंबर । हरियाणा के टोहना विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र बबली ने क‍िसानों से धक्‍का मुक्‍की करने के मामले में माफी मांग ली है। उन्होंने किसानों से कहा कि मैं अपने कृत्य के लिए माफी मांगता हूं। मैं खुद किसान परिवार से आता हूं। मैं किसानों की पीड़ा समझ सकता हूं। अगर किसी किसान भाई को मेरे व्यवहार से ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं। उन्होंने किसानों को उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस करने का आश्वासन भी दिया।

किसान नेताओं का कहना है कि देवेंद्र बबली ने किसानों को जो धक्के मारे थे, केवल उसी मामले में उन्हें माफी दी गई है। इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि हमने भाजपा का समर्थन करने का मन बना लिया है। हम जिस तरह भाजपा का विरोध करते आ रहे थे, आगे भी उसी तरह करते रहेंगे। हमने राजनीतिक मोर्चे पर कोई परिवर्तन नहीं किया है।

देवेंद्र बबली ने कहा, “आज किसान नेताओं की बैठक हुई। इसमें कई मसलों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। इसमें से कई मसलों पर सहमति बन गई है, तो कइयों पर बाकी है, लेकिन आगे उन सभी मसलों पर भी सहमति बन जाएगी। मैं एक बार फिर दोहराता हूं कि मैं किसान का बेटा हूं। मैं किसानों के मुद्दे को समझ सकता हूं।”

किसान नेता मनदीप नथवान ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “भाजपा किसान विरोध पार्टी है। इसे हम किसी भी कीमत पर जीतने नहीं देंगे। अगर यह पार्टी सोच रही है कि वह चुनाव जीत जाएगी, तो यह उसकी गलतफहमी है, जिसे हम किसी भी कीमत में पूरा नहीं होने देंगे। हम भाजपा को पराजित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देंगे।”

बता दें कि 12 मार्च को भाजपा और जेजेपी का गठबंधन टूटा था। इसी दिन देवेंद्र बबली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।

इस बीच, किसानों ने बबली को घेर लिया और उनसे कुछ सवाल किए, लेकिन उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं द‍िया। इसके विपरीत, उन्होंने किसानों के साथ धक्कामुक्की कर उनके साथ अमर्यादित व्यवहार किया।

इस घटना के बाद कई किसानों पर मुकदमे भी दर्ज किए गए थे। देवेंद्र बबली के इस अशोभनीय व्यवहार को लेकर किसानों में आक्रोश था।

Exit mobile version