February 5, 2025
Uttar Pradesh

डिजिटल महाकुंभ से श्रद्धालु प्राप्त कर सकते हैं गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम की आध्यात्मिक जानकारी : भूपेंद्र गिरी

Devotees can get spiritual information about the confluence of Ganga, Yamuna and Saraswati from Digital Mahakumbh: Bhupendra Giri

प्रयागराज, 5 फरवरी । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा के स्वामी भूपेंद्र गिरी ने आईएएनएस से खास बातचीत में बताया कि वह 1998 से लगातार हर कुंभ में शामिल हो रहे हैं और यह उनका आठवां कुंभ है।

उन्होंने माघ महीने को कुंभ के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस दौरान मकर राशि में चंद्र और सूर्य की युति होती है, वहीं बृहस्पति वृश्चिक राशि में आते हैं, जिससे प्रयाग में एक दुर्लभ संयोग बनता है। यह संयोग आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत फलदायी माना जाता है और कुंभ में स्नान करने से श्रद्धालुओं के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने डिजिटल कुंभ को लेकर कहा कि यह उन लोगों के लिए एक अनूठा अवसर है, जो पूरे कुंभ क्षेत्र में घूम नहीं पाते। डिजिटल महाकुंभ के माध्यम से श्रद्धालु कुंभ की भव्यता, गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम का आध्यात्मिक महत्व और कुंभ से जुड़ी हर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने इसे भारत की डिजिटल उपलब्धियों का प्रतीक बताया और कहा कि पवित्र स्नान के बाद हर श्रद्धालु को इसे जरूर देखना चाहिए, ताकि वे इस महान आयोजन का हिस्सा बन सकें।

कुंभ को लेकर फैलाए जा रहे नकारात्मक प्रचार पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई धार्मिक पिकनिक नहीं, बल्कि आस्था की भूमि है। कुंभ का आयोजन साधारण नहीं है, बल्कि यह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की दूरदर्शी कल्पना का परिणाम है। लाखों श्रद्धालु खुशी-खुशी यहां आ रहे हैं और उनकी आस्था के कारण यह आयोजन सफल हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग श्रद्धा के साथ संगम में स्नान करना चाहते हैं, उनका यहां स्वागत है।

विपक्ष द्वारा कुंभ के जल को प्रदूषित बताए जाने और कोरोना काल में गंगा में बहती लाशों के मुद्दे को उठाए जाने पर स्वामी भूपेंद्रागिरी ने कहा कि विपक्ष कुंभ के महत्व और भारत की गरिमा को नहीं समझता। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम केवल हर चीज का राजनीतिकरण करना है, लेकिन सच्चाई यह है कि गंगा हमेशा से पवित्र थी और पवित्र ही रहेगी। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे भी कुंभ में आकर शांति और आस्था के साथ डुबकी लगाएं। उन्होंने कहा कि जो लोग गंगा और कुंभ को दूषित करने का प्रयास कर रहे हैं, वे दरअसल अपने भविष्य को धुंधला कर रहे हैं।

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