वाराणसी, 29 जनवरी । धार्मिक नगरी काशी में मौनी अमावस्या पर हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन मौन होकर स्नान और दान करने मात्र से पुण्य की प्राप्ति होती है।
पुरोहित विवेकानंद पांडेय ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने को बहुत शुभ माना गया है। इस दिन लोग गंगा नदी में मौन धारण कर स्नान करते हैं और फिर वे अपना मौन धारण तोड़ते हैं।
गंगा नदी में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या की महत्ता के बारे में बताया। श्रद्धालु मीना ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान किया जाता है। इस दिन जो भी स्नान करता है, उसके सारे पाप धुल जाते हैं।
श्रद्धालु सुप्रिया पाठक ने कहा कि मौनी अमावस्या की महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस दिन जो भी स्नान करता है, वह अपने पापों से मुक्त हो जाता है। वाराणसी में स्नान करने के लिए लोग अलग-अलग जगहों से भी आते हैं।
मौनी अमावस्या को लेकर मान्यता यह भी है कि इस पावन पर्व के दिन स्नान करने से पुण्य फल बढ़ता है। इस पूर्णकाल में भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। साथ ही भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान है। इस दिन मां गंगा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु मौन रहकर आस्था की डुबकी लगाते हैं और वे अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
बुधवार सुबह से स्नान के लिए वाराणसी के घाटों पर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है।
वाराणसी जिला प्रशासन ने मौनी अमावस्या के स्नान के मद्देनजर काशी के सभी घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। साथ ही पुलिस ने कई जगहों पर ट्रैफिक को भी डायवर्जन किया है।