राजस्थान के सीकर जिले के रींगस कस्बे के नजदीकी लाखणी गांव के एक जवान सुल्तान सिंह बाजिया का 3 जनवरी को हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चपेट में आने से निधन हो गया। जवान का पार्थिव शरीर बीती देर रात रींगस पुलिस थाने पहुंचा, जहां से तिरंगे के साथ उन्हें उनके पैतृक गांव लाखणी भेजा जाएगा।
हालांकि, जवान के पार्थिव शरीर के यहां पहुंचने के साथ लाखणी गांव में उनके परिजन और ग्रामीण जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर रींगस पुलिस थाने पर धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि जवान को शहीद का दर्जा मिलने के बाद ही पार्थिव शरीर को गांव भेजा जाएगा।
धरने में बड़ी संख्या में ग्रामीण और जनप्रतिनिधि शामिल हैं। इस दौरान सीकर सांसद अमराराम, खंडेला विधायक सुभाष मील, पूर्व मंत्री बंशीधर बाजिया और एसडीएम बृजेश कुमार भी रींगस थाने पहुंचे। अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच कई दौर की वार्ता के बावजूद, अभी तक इस मामले पर कोई सहमति नहीं बन पाई है।
ग्रामीणों की मांग है कि जवान के परिवार को सरकारी नौकरी दी जाए और उस जवान को शहीद का दर्जा मिले।
सीकर से सांसद अमराराम ने मांग की कि जवान के परिजन को प्रशासन की तरफ से आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। इसके अलावा, जवान को शहीद का दर्जा प्रदान किया जाए।
खंडेला विधायक सुभाष मील ने कहा कि सबसे पहले तो हमारी मांग है कि जवान को शहीद का दर्जा प्रदान किया जाए। इसके अलावा, शहीद के परिजनों को सरकार की तरफ से हर प्रकार की सुविधा प्रदान की जाए, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। यह सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। हमारी मुख्य रूप से यही मांगें है कि और हमें पूरा विश्वास है कि हमारी मांगों पर विचार किया जाएगा।
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