रोहतक जिले की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को दिल्ली के एक डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापा मारकर भ्रूण लिंग निर्धारण के आरोप में एक रेडियोलॉजिस्ट और एक दलाल को गिरफ्तार किया। इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किए गए अल्ट्रासाउंड उपकरण को सील कर दिया गया है।
उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने बताया कि स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को द्वारका स्थित आरोग्य डायग्नोस्टिक एवं डेंटल सेंटर पर छापा मारने का निर्देश दिया गया था, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि सेंटर में अवैध रूप से लिंग निर्धारण किया जा रहा है।
रोहतक के सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र ने बताया, “उपायुक्त के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एक फर्जी व्यक्ति को तैयार किया। एक दलाल के माध्यम से 50,000 रुपये में भ्रूण के लिंग की जांच करने का सौदा तय हुआ। दलाल ने फर्जी व्यक्ति को डायग्नोस्टिक सेंटर आने को कहा। नोडल अधिकारी डॉ. विश्वजीत राठी और चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोहित गिल के नेतृत्व में पीसी और पीएनडीटी सेल की एक टीम महिला के साथ गई। छापेमारी के दौरान रेडियोलॉजिस्ट डॉ. विनीत मदान और दलाल शैलेंद्र माथुर को गिरफ्तार किया गया।”
डॉ राठी ने ‘द ट्रिब्यून’ को बताया कि 50,000 रुपये के नोट फर्जी व्यक्ति को दिए गए, जिसने उन्हें एक दलाल को दे दिया। उन्होंने बताया, “अल्ट्रासाउंड जांच करने के बाद रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर ने महिला को बताया कि उसके गर्भ में जुड़वां भ्रूण हैं, जो दोनों ही लड़कियां हैं। इसके बाद छापेमारी की गई और रेडियोलॉजिस्ट और दलाल को पकड़ लिया गया।”
आरोपियों के पास से 25,500 रुपये नकद बरामद किए गए, जबकि एक अन्य दलाल विकास गुप्ता भागने में सफल रहा।
डीसी ने बताया कि जिले में लिंगानुपात सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “पीसी और पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई और भ्रूण लिंग का अवैध निर्धारण करने वाले डायग्नोस्टिक सेंटरों पर छापेमारी जारी रहेगी।”