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उत्तर प्रदेश में 121 करोड़ से भू-अभिलेखों का डिजिटल आधुनिकीकरण

Digital modernization of land records in Uttar Pradesh with Rs 121 crore

लखनऊ, 8 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ विजन को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेशभर के भू-अभिलेखों को डिजिटल करने के लिए 121 करोड़ रुपए की बड़ी राशि स्वीकृत की गई है। यह बजट भारत सरकार के डिजिटल इंडिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत स्वीकृत किया गया है।

इस योजना के धरातल पर उतरने से न केवल लोगों को दस्तावेजों के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी, बल्कि पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।

सीएम योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि जनता की सुविधा के लिए पूरे प्रदेश के भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण किया जाए। इस योजना के अंतर्गत जमीन से जुड़े सभी अभिलेख जैसे भू-नक्शा, खतौनी और खसरा को डिजिटल माध्यम से आमजन तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी, जिसके लिए विस्तृत डाटा बैंक बनाया जाएगा। इससे भूमि से संबंधित दस्तावेज एक क्लिक में उपलब्ध हो सकेंगे।

डिजिटल इंडिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने कुल 121 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। इसमें से अब तक 46 करोड़ 45 लाख रुपए जारी कर दिए गए हैं। शेष 74 करोड़ 64 लाख रुपए जल्द ही अवमुक्त किए जाएंगे।

इस परियोजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश में आधुनिक अभिलेख कक्ष (मॉडर्न रिकॉर्ड रूम) की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही डीआईएलआरएमपी सेल भी गठित की जाएगी, जो इस कार्य को क्रियान्वित करेगी।

इसके अलावा विशेष कंप्यूटर प्रयोगशाला और डाटा बैंक भी बनाया जाएगा। इसके जरिए भू-अभिलेखों तक आम जनता की पहुंच को आसान बनाने का मार्ग सुनिश्चित किया जा सकेगा।

जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विभाग ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जिसको क्रियान्वित करने की प्रक्रिया धरातल पर उतारी जा रही है। इस कार्य को पूरा करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के गठन की प्रक्रिया जारी है। प्रक्रिया पूरी होने पर योजना के अंतर्गत निर्धारित सभी कार्यों का निष्पादन समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से हो सकेगा।

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