N1Live National ‘डंकी’ रूट मानव तस्करी मामला: तीन एजेंटों की 5.41 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त
National

‘डंकी’ रूट मानव तस्करी मामला: तीन एजेंटों की 5.41 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त

'Dinky' route human trafficking case: Assets worth Rs 5.41 crore of three agents seized

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जालंधर जोन ने कुख्यात ‘डंकी’ मार्ग से अमेरिका जाने वाले एक बड़े अवैध आव्रजन और मानव तस्करी रैकेट के संबंध में तीन एजेंटों की लगभग 5.41 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। एजेंसी के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने यह जानकारी दी। जब्त की गई संपत्तियों में कृषि भूमि, आवासीय और व्यावसायिक परिसर और आरोपी एजेंटों और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक खाते शामिल हैं।

अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई शुभम शर्मा, जगजीत सिंह और सुरमुख सिंह नामक एजेंटों द्वारा अपराध से अर्जित आय से प्राप्त या उसके समकक्ष संपत्तियों के खिलाफ की गई है, जो लोगों को कानूनी प्रवास के झूठे वादे करके गुमराह करते हुए अवैध रूप से अमेरिका भेज रहे थे। तीनों हरियाणा के रहने वाले हैं और लंबे समय से ‘डंकी’ रूट नेटवर्क में अलग-अलग भूमिकाएं निभा रहे थे।

अधिकारी ने आगे बताया कि वे युवाओं को निशाना बनाकर उन्हें बहला-फुसलाकर अपने नेटवर्क में मौजूद अन्य एजेंटों के पास भेज देते थे। इसके अलावा, वे विशेष रूप से विभिन्न देशों के लिए हवाई टिकट दिलाने और आगंतुक वीजा की व्यवस्था करने में शामिल थे।

फरवरी 2025 में अमेरिकी सरकार द्वारा कथित तौर पर अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले 330 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किए जाने के बाद, पंजाब और हरियाणा पुलिस द्वारा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 (पूर्ववर्ती आईपीसी, 1860) और आव्रजन अधिनियम, 1983 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई कई एफआईआर के आधार पर ईडी ने अवैध आव्रजन और मानव तस्करी रैकेट की जांच शुरू की।

ईडी की जांच में पता चला कि आरोपी एजेंट और उनके सहयोगी भोले-भाले लोगों को अमेरिका में कानूनी रूप से प्रवेश दिलाने का लालच देकर उन्हें निशाना बनाते थे और उनसे मोटी रकम वसूलते थे। हालांकि, कानूनी प्रवास के बजाय, उन्हें कई दक्षिण अमेरिकी देशों के खतरनाक और अवैध रास्तों से ले जाया जाता था और अंत में उन्हें जबरन अमेरिका-मेक्सिको सीमा को गैरकानूनी रूप से पार कराया जाता था।

ईडी ने कहा कि यात्रा के दौरान पीड़ितों को यातना, जबरन वसूली, दबाव और यहां तक ​​कि अवैध कार्य करने के लिए मजबूर किया जाता था। इस तरह की धोखाधड़ी वाली गतिविधियों के माध्यम से एकत्र की गई बड़ी रकम मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराध की आय मानी जाती है।

जांच के तहत, ईडी ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत 9 और 11 जुलाई को पंजाब और हरियाणा में 19 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप फर्जी आव्रजन स्टाम्प, नकली वीजा स्टाम्प, रिकॉर्ड और डिजिटल उपकरणों सहित आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री बरामद हुई, जिससे आरोपियों के खिलाफ मामला और मजबूत हुआ।

ईडी के अधिकारी ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है और जैसे-जैसे अधिक सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है और वित्तीय लेन-देन का पता लगाया जा रहा है, वैसे-वैसे अतिरिक्त कार्रवाई भी की जा सकती है।

Exit mobile version