रांची, 13 सितंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणेश पूजा के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसको लेकर सीपीआई (एमएल) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने गुरुवार को आईएएनएस से खास बातचीत की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की मुलाकात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, “यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात तो नहीं है, क्योंकि हमारा लोकतंत्र विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के ‘पावर ऑफ सेपरेशन’ पर टिका हुआ है।
उन्होंने आगे कहा, न्यायपालिका के प्रमुख और कार्यपालिका के प्रमुख में ऐसी नजदीकी देखी जाएगी तो, न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर देश के लोगों की आशंका बढ़ेगी। इसलिए हमें तो लगता है कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच हमेशा जो दूरी रहनी चाहिए, उस दूरी का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
इससे पहले दीपांकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पीएम मोदी और डीवाई चंद्रचूड़ की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “निजी क्षेत्र में कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच यह निकटता भारत के संसदीय लोकतंत्र में शक्तियों के पृथक्करण और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के सिद्धांत के लिए एक अत्यंत अस्वस्थ संकेत है। क्या हम अब क्रोनी कैपिटलिज्म से क्रोनी डेमोक्रेसी की ओर बढ़ रहे हैं?”
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दिल्ली में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणेश पूजा के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसकी तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट की थी। अब इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
विपक्षी पार्टी के नेता न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच नजदीकी बताते हुए इसको भारत के लोकतंत्र के खिलाफ कह रहे हैं। वहीं, दूसरी भाजपा नेताओं का कहना है कि एक साथ पूजा करना कहां से लोकतंत्र के लिए खतरा है। ऐसे कई मौके होते हैं, जहां पर डीवाई चंद्रचूड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ मंच साझा करते हैं।
बता दें कि बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक्स’ अकाउंट से पोस्ट हुई तस्वीर पर लिखा था, “सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जी के आवास पर गणेश पूजा में शामिल हुआ। भगवान श्री गणेश हम सभी को सुख, समृद्धि और अद्भुत स्वास्थ्य का आशीर्वाद दें।”
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