राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस और आयुष्मान भारत के अंतर्गत स्कूल स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम पर जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक मंगलवार को चंबा में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने की।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बिपेन ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत भारत ने टीबी मृत्यु दर को 2015 में 32 से घटाकर 2023 में 23 तक लाने में सफलता प्राप्त की है। चंबा में 100 दिवसीय टीबी अभियान के तहत 28 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है, जिसमें कुल 117,852 संवेदनशील आबादी में से 82,469 लोगों की जांच की गई है।
मलेरिया के बारे में डॉ. ठाकुर ने बताया कि पिछले पाँच सालों से ज़िले में मलेरिया का कोई भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है। फिर भी, उन्होंने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया कि वे मलेरिया को जड़ से मिटाने के लिए सक्रिय और निष्क्रिय दोनों तरह की स्लाइड तैयार करके विभागीय दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें।
आगामी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के बारे में बोलते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि 21 अगस्त को आंगनवाड़ी, सरकारी स्कूलों, निजी स्कूलों, व्यावसायिक केंद्रों, आईटीआई और 19 वर्ष से कम आयु के छात्रों वाले कॉलेजों में एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएंगी।
डॉ. ठाकुर ने आयुष्मान भारत के अंतर्गत स्कूल स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम पर एक प्रस्तुति भी दी। उपायुक्त ने चुनौतियों और सीमित मानव संसाधनों के बावजूद सराहनीय कार्य के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की सराहना की