हिसार, 31 मार्च हिसार में विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों ने एक-दूसरे के साथ सांप्रदायिक एकजुटता व्यक्त करने के लिए संयुक्त रूप से होली-ईद मिलन उत्सव मनाया।
कार्यक्रम का आयोजन हिसार में सद्भावना मंच के तत्वावधान में जाट धर्मशाला में किया गया. विभिन्न धर्मों के प्रतिभागियों ने एक-दूसरे से मिल-जुलकर और रोजा-इफ्तार के साथ-साथ अबीर-गुलाल लगाकर साझी विरासत का संदेश फैलाकर दोनों त्योहार मनाए।
समारोह की अध्यक्षता ओम प्रकाश सैनी ने की जबकि संचालन नूर मोहम्मद ने किया। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर सरोज ने कहा कि यह उत्सव सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे का एक उदाहरण है। “जब एक दूसरे के खून की ज़रूरत होती है तो हम कभी धर्म के बारे में नहीं पूछते, फिर हम धर्म के नाम पर एक दूसरे से बहस क्यों करते हैं?” उसने कहा।
डीएन कॉलेज के प्रोफेसर महेंद्र सिंह ने कहा कि आजादी की लड़ाई में सभी धर्मों के लोगों ने बलिदान दिया. प्रतिभागियों को पवित्र त्योहारों को मनाने के लिए विशेष रूप से लाया गया भोजन परोसा गया।
हिसार में होली-ईद मिलन उत्सव के दौरान उत्सव में भाग लेते लोग। ट्रिब्यून फोटो समारोह में उपस्थित शहर के प्रमुख व्यक्तियों में कृष्ण पाली, अमरदीप सिंह खालसा, सेवानिवृत्त उपनिदेशक हरि सिंह रिणवा, होशियार खान, हरफूल खान, प्रेम बब्बर, सलाउद्दीन, मोबिन्दिन, कैप्टन रफीक, सर्व ईसाई महासभा के डेविड विक्टर शामिल थे। महिला समिति से शंकुतला जाखड़, बबली लांबा, टीचर्स एसोसिएशन से अलका सिवाच, किसान सभा से शमशेर नंबरदार, सूबे सिंह बूरा, सुरेंद्र मान, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस से सुखबीर सिंह, डेमोक्रेटिक फोरम से एडवोकेट विक्रम मित्तल, डाॅ. रमेश पूनिया, डॉ. बलजीत भ्याण, डॉ. अतर सिंह, सुरेंद्र यादव, नरेश गौतम, डॉ. हितेश और नूर मोहम्मद।
सांप्रदायिक सौहार्द्र कार्यक्रम का आयोजन जाट धर्मशाला में किया गया। विभिन्न धर्मों के लोगों ने एक-दूसरे पर अबीर-गुलाल लगाकर और रोजा और इफ्तार की प्रथाओं का पालन करके साझी विरासत का संदेश फैलाकर त्योहार मनाए।
बाधाओं को तोड़ना जब एक-दूसरे के खून की ज़रूरत होती है तो हम कभी धर्म के बारे में नहीं पूछते, फिर हम धर्म के नाम पर एक-दूसरे से बहस क्यों करते हैं? -सरोज, सेवानिवृत्त प्रोफेसर