तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा है कि स्कूलों और कॉलेजों के कार्यक्रमों में डिस्क जॉकी (डीजे) संस्कृति को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को छात्रों को पढ़ाई, खेल और अन्य सह-पाठयक्रम गतिविधियों के साथ-साथ संगीत सीखने का प्रशिक्षण देना चाहिए। वे शुक्रवार को बिलासपुर जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय औहर के क्लस्टर स्तरीय वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे।
औहर स्कूल स्टाफ के प्रयासों की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि वे विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक गतिविधियों से मंत्रमुग्ध हो गए, जिसमें समूह गान, स्किट, गिद्दा और अन्य प्रदर्शन शामिल थे। उन्होंने कहा कि इससे न केवल स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए बिलासपुर की पारंपरिक कला को संरक्षित करने में भी मदद मिलेगी।
धर्माणी ने कहा कि शिक्षकों के क्लस्टर स्तरीय कार्यों से छात्रों और शिक्षकों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी
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