N1Live National लंबित मामलों में कार्रवाई के लिए राज्यपाल पर दबाव बनाने के लिए डीके शिवकुमार ने की ‘राजभवन चलो’ की अपील
National

लंबित मामलों में कार्रवाई के लिए राज्यपाल पर दबाव बनाने के लिए डीके शिवकुमार ने की ‘राजभवन चलो’ की अपील

DK Shivkumar appealed to 'Raj Bhawan Chalo' to put pressure on the Governor to take action in pending cases.

बेंगलुरु, 28 अगस्त । कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मंगलवार को 31 अगस्त को ‘राजभवन चलो’ आंदोलन का आह्वान किया। यह आह्वान राज्यपाल थावरचंद गहलोत पर उनके समक्ष लंबित भाजपा नेताओं के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी देने के लिए दबाव बनाने के ल‍िए क‍िया गया है।

कांग्रेस पार्टी मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में कथित अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के व‍िरोध में राज्यपाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है।

पार्टी कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने मंगलवार को कहा, “31 अगस्त को हम विधान सौध में गांधी प्रतिमा से राजभवन तक मार्च निकालेंगे और राज्यपाल से लंबित मामलों में मुकदमा चलाने की अनुमति देने का आग्रह करेंगे।”

शिवकुमार ने कहा, “पिछले गुरुवार को हमने कैबिनेट की बैठक की और राज्यपाल को सलाह दी। हमें चार आपराधिक मामलों के बारे में जानकारी थी, जिनकी जांच लोकायुक्त और एसआईटी सहित विभिन्न विभागों द्वारा की गई थी। मामला केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी और तीन भाजपा के तीन पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भी है। उनके ख‍िलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है और एजेंसियों ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है। लेकिन राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी है।”

शिवकुमार ने कहा कि, “हमने राज्यपाल को एक सलाह दी थी, इसमें उनसे मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए कहा गया था। मुडा मामले में उन्होंने बिना किसी जांच के अभियोजन की मंजूरी दे दी। लेकिन अन्य मामलों में ऐसा क्यों नहीं किया गया। हमने इस संबंध में उनसे अपील की है। हम 31 अगस्त को ‘राजभवन चलो’ मार्च निकाल रहे हैं और उन चार मामलों में मुकदमा चलाने के लिए उनकी मंजूरी की मांग करेंगे।”

केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी की आलोचना करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे बड़े भाई कुमारस्वामी सच्चे दिल से काम करते हैं। उनके खिलाफ 10 साल पहले मामला दर्ज हुआ था। 21 नवंबर 2023 को लोकायुक्त एसआईटी के अधिकारियों ने भी राज्यपाल को पत्र लिखा था। एसआईटी ने उनके खिलाफ राज्यपाल को 218 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी है।”

केंद्रीय मंत्री पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि, सच्चाई के लिए मशहूर कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने किसी भी चीज पर हस्ताक्षर नहीं किए। मैं उनके बयान से हैरान हूं। अगर उनका दावा है कि यह उनके हस्ताक्षर नहीं हैं, तो किसी ने जालसाजी की होगी। उन्होंने हस्ताक्षर की जालसाजी का आरोप लगाते हुए शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई? अगर उनके हस्ताक्षर वास्तव में जाली थे, तो क्या उन्हें कम से कम पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करानी चाहिए थी?”

शिवकुमार ने कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान खनन के लिए 500 एकड़ से अधिक भूमि के कथित अवैध आवंटन के मामले का जिक्र करते हुए यह बात कही।

शिवकुमार ने कहा, “जिसने भी यह जालसाजी की है, उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की जानी चाहिए। मैं कुमारस्वामी से अनुरोध करता हूं कि वे मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपने हस्ताक्षर की जालसाजी के बारे में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। आज तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। अगर वह पुलिस स्टेशन में मेल के जरिए भी शिकायत दर्ज कराते हैं, तो हम इस मामले की जांच करेंगे कि किसने उनके हस्ताक्षर की जालसाजी की है।”

उन्होंने कहा, “पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के कार्यकाल के दौरान कुमारस्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। हमें बताएं कि उनके खिलाफ किसने साजिश रची थी। कुमारस्वामी ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दाखिल किया है। उन्होंने स्वीकार किया है कि उन्होंने खुद ही पट्टे की मंजूरी की सिफारिश की थी। जब उन्होंने खुद ही स्वीकार किया है, तो यह संदिग्ध लगता है। इसलिए मैं राज्यपाल से कार्रवाई की अपील करता हूं।”

कांग्रेस ने इससे पहले 19 अगस्त को राज्यपाल के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया था।

Exit mobile version