May 17, 2025
National

दोहा डायमंड लीग : ‘गोल्डन बॉय’ नीरज चोपड़ा ने पहली बार 90 मीटर के पार भाला फेंककर रचा इतिहास

Doha Diamond League: ‘Golden Boy’ Neeraj Chopra created history by throwing the javelin beyond 90 meters for the first time

भारत के ‘गोल्डन बॉय’ नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार को दोहा डायमंड लीग में पहली बार 90 मीटर के पार भाला फेंककर इतिहास रच दिया। उन्होंने फाइनल में अपने तीसरे प्रयास में 90.23 मीटर भाला फेंककर अपना पर्सनल बेस्ट बनाया। इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.94 मीटर था, जो उन्होंने 30 जून 2022 को स्टॉकहोम डायमंड लीग में फेंका था।

बेस्ट थ्रो के बावजूद, नीरज चोपड़ा को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। जर्मनी के वेबर जूलियन ने 91.06 मीटर के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया। नीरज छह में से पांचवें थ्रो तक नंबर एक पर थे, लेकिन छठे और आखिरी थ्रो में जूलियन उनसे आगे निकल गए।

बता दें कि 90 मीटर की दूरी केवल एक आंकड़ा नहीं थी, बल्कि नीरज चोपड़ा के लिए यह एक चुनौती बन चुकी थी। वह कई बार इस आंकड़े के बेहद करीब पहुंचे थे, लेकिन हर बार 88 या 89 मीटर तक सीमित रह गए।

टोक्यो ओलंपिक और बुडापेस्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने के बावजूद यह सवाल बना रहता था कि क्या नीरज कभी 90 मीटर को पार कर पाएंगे? अब इसका जवाब नीरज ने पूरी दृढ़ता के साथ दे दिया है।

नीरज चोपड़ा ने जब तीसरे प्रयास में यह ऐतिहासिक थ्रो किया, तो पूरा मैदान झूम उठा। इस प्रदर्शन में उनके नए कोच जान जेलेज्नी की भूमिका भी अहम मानी जा रही है।

नीरज ने हाल ही में जर्मन कोच डॉ. क्लॉस बार्टोनिएट्ज को हटाकर तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जेलेज्नी (चेक गणराज्य) को अपना कोच बनाया था।

इस थ्रो के साथ नीरज अब 90 मीटर क्लब में शामिल हो गए हैं, जिसमें ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता पाकिस्तान के अर्शद नदीम जैसे खिलाड़ी पहले से मौजूद हैं। यह उपलब्धि नीरज के लिए सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी एक बहुत बड़ी जीत है।

दोहा में यह नीरज का इस सीजन का पहला बड़ा मुकाबला था, जहां उनका सामना दो बार के वर्ल्ड चैंपियन और 2024 ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ग्रेनेडा के पीटर्स एंडरसन, चेकिया के याकुब वाडलेजच (2024 के दोहा विजेता), जर्मनी के वेबर जूलियन और मैक्स डेह्निंग, केन्या के जूलियस येगो और जापान के रोडरिक जेंकी डीन जैसे दिग्गजों से हुआ।

एंडरसन 85.64 मीटर के साथ कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।

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