विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने व्यापारियों, उद्योगपतियों, मजदूरों, किसानों, कमीशन एजेंटों, शिक्षकों या कर्मचारियों के विभिन्न संघों से जुड़े प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया है कि वे सड़क या रेल यातायात को अवरुद्ध करके आम जनता या यात्रियों को परेशान न करें।
अलग-अलग बयानों में धार्मिक समिति के संयोजक योगेंद्र पाल शर्मा, समाजसेवी कुलदीप सरदाना, मलकियत सिंह रगबोत्रा, शमशान घाट के अध्यक्ष विश्वामित्र शर्मा, शहीद भगत सिंह वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष राजीव चहल, भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष चंद्र मोहन शर्मा और जनरल समाज मंच के नेता गिरीश शर्मा, योगेश प्रभाकर और मदन मोहन बजाज ने सड़क अवरोधों के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह आम आदमी है जो विरोध प्रदर्शनों का खामियाजा भुगत रहा है।
त्योहारी सीजन के दौरान लाखों का व्यापार दांव पर लगा था, क्योंकि ग्राहक खरीदारी के लिए एक शहर से दूसरे शहर जा रहे थे। उन्होंने बताया कि शादियों का सीजन भी शुरू हो गया था, जिससे लोगों की आवाजाही और बढ़ गई। उन्होंने कहा कि न तो प्रदर्शनकारियों और न ही सरकार को लोगों की असुविधा की चिंता है।