N1Live National ‘भाषाई एकता को नुकसान न पहुंचाएं’, हिंदी-मराठी विवाद पर नकवी का संदेश
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‘भाषाई एकता को नुकसान न पहुंचाएं’, हिंदी-मराठी विवाद पर नकवी का संदेश

'Don't harm linguistic unity', Naqvi's message on Hindi-Marathi dispute

महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी की बहस के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने नफरत फैलाने वाले बयानों से दूरी बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा का गौरवशाली इतिहास है और उसकी गरिमा को पूरा देश सम्मान देता है, लेकिन यह सोचना गलत है कि हिंदी किसी भी क्षेत्रीय भाषा की प्रतिद्वंद्वी है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में नकवी ने स्पष्ट किया कि हिंदी ने हमेशा अन्य भारतीय भाषाओं के साथ मिलकर विकास किया है, न कि उनके खिलाफ। मराठी, तमिल, तेलुगू, पंजाबी जैसी भाषाएं हिंदी के साथ ही फली-फूली हैं। भाषाई विवादों को राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिशें देश की भाषायी एकता को नुकसान पहुंचाती हैं।

कांवड़ यात्रा को लेकर अव्यवस्था फैलाने के मुद्दे पर भी नकवी ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा लोगों की आस्था, पवित्रता और शुद्धता से जुड़ी होती है। इसका सम्मान करना हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है। कुछ लोग इस यात्रा के मार्ग पर जानबूझकर गंदगी या अव्यवस्था फैलाकर इसे अधिकार का नाम दे देते हैं और उनके समर्थक भी सामने आ जाते हैं।

बिहार में मतदाता सूची सुधार और चुनावी प्रक्रिया पर संदेह जताने वाले बयानों पर भी नकवी ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देश में एक साजिशनुमा माहौल तैयार किया जा रहा है, जिसमें मतदाता भ्रमित हो रहे हैं और चुनाव प्रक्रिया पर अविश्वास जताया जा रहा है। उन्होंने इसे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताते हुए कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और हमारी चुनावी प्रक्रिया इसकी आत्मा है। सभी राजनीतिक दलों, सरकार और विपक्ष दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे मतदाताओं में विश्वास और भरोसा कायम रखें, न कि डर और अफवाह फैलाएं।

महागठबंधन में एआईएमआईएम के शामिल होने की इच्छा को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा, “चुनावी चौपाल में जुगाड़ का झंझट चलता रहता है। कोई अंदर आता है और कोई बाहर जाता है। सबको मालूम है कि जुगाड़ के जमघट पनघट तक नहीं पहुंचते। गठबंधन तभी मजबूत होता है जब वह सिद्धांतों और साझा जिम्मेदारियों पर टिका हो, केवल चुनावी गणित से बने गठबंधन टिकाऊ नहीं होते।”

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