October 24, 2024
Himachal

1901 के बाद से सबसे शुष्क जनवरी से हिमाचल प्रदेश में पानी की कमी की आशंका पैदा हो गई है

शिमला, 19 जनवरी भले ही हिमाचल लंबे समय तक सूखे के प्रतिकूल प्रभाव से जूझ रहा है, इस जनवरी ने 1901 के बाद से सबसे कम वर्षा के साथ अब तक का सबसे शुष्क होने का रिकॉर्ड बनाया है।

शिमला मौसम विज्ञान केंद्र ने आज कहा कि इस जनवरी (18 तारीख तक) ने 1901 के बाद से सबसे शुष्क महीने का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है क्योंकि एक सदी से भी अधिक समय में अब तक सबसे कम वर्षा देखी गई है। जनवरी 2024 (18 तारीख तक) के महीने में राज्य में प्राप्त कुल संचयी वर्षा 43.1 की सामान्य वर्षा के मुकाबले 0.1 है, जबकि प्रस्थान शून्य से -99.7 प्रतिशत दर्ज किया गया है।

इस साल दिसंबर 2023 और जनवरी तक असामान्य रूप से लंबे सूखे के दौर ने फलों, विशेषकर सेब और अन्य फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव को लेकर उत्पादकों के बीच चिंता पैदा कर दी है। बर्फ की लगभग अनुपस्थिति और नगण्य बारिश के कारण गर्मी के महीनों के दौरान पानी की भारी कमी हो सकती है। कांगड़ा और चंबा जिलों के कुछ हिस्से पहले से ही पानी की भारी कमी का सामना कर रहे हैं, नदियों में पानी का बहाव कम होने से बिजली उत्पादन भी कम हो गया है।

हालांकि अभी भी महीने के 12 दिन बाकी हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश के पूर्वानुमान के अनुसार, 25 जनवरी 2024 तक राज्य में मौसम ज्यादातर शुष्क रहेगा। इसके अलावा, शीत लहर और ठंढ के साथ घने से बहुत घने कोहरे की स्थिति जारी रहेगी। निचले पहाड़ी जिलों और मैदानी इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर। 25 जनवरी, 2024 तक रावी, ब्यास और सतलज जलग्रहण क्षेत्रों में मौसम ज्यादातर शुष्क रहेगा, जिससे वर्षा की संभावना कम हो जाएगी।

इस साल जनवरी का महीना 1966 में दर्ज की गई माइनस -99.6 प्रतिशत की पिछली सबसे कम वर्षा को पार कर गया है। जनवरी के सबसे शुष्क वर्ष वाले अन्य वर्ष हैं 2007 (-98.5), 1902 (-92.4), 1986 (-91.4), 2018 ( -90.5), 1916 (-87.8), 1936 (-86.5), 1963 (-83.5), 1998 (-83.4) और 1914 (-81.4)।

हालांकि पिछले सप्ताह मौसम असामान्य रूप से शुष्क रहा लेकिन कल कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा हुई। मौसम की स्थिति के अनुसार ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर और मंडी में कई स्थानों पर घना कोहरा, शीतलहर और ज़मीन पर पाला पड़ा।

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