जिले के हांसी कस्बे के निकट प्रेम नगर गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थी खुले में बैठकर ठंड की स्थिति में पढ़ाई करने को मजबूर हैं क्षेत्र में शीत लहर की स्थिति तीव्र होने के कारण, पर्याप्त बुनियादी ढांचे के अभाव में छात्र दरियों पर बैठते हैं।
स्कूल में केवल तीन कमरे हैं जो कार्यालय, स्टोर रूम और कक्षाओं के रूप में काम आते हैं। ये कमरे प्राथमिक कक्षाओं में नामांकित 108 छात्रों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हैं।
स्कूल प्राधिकारियों ने बताया कि पांच कमरों वाले दो मंजिला भवन के निर्माण का प्रस्ताव है, लेकिन अभी तक केवल आधारशिला ही रखी गई है।
गांव के निवासियों ने कहा कि अनुकूल शिक्षण वातावरण प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की तत्काल आवश्यकता है। सरपंच और अभिभावकों ने इस मुद्दे को हल करने के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग की और यह सुनिश्चित करने की मांग की कि बच्चे सुरक्षित और आरामदायक माहौल में शिक्षा के अपने अधिकार से वंचित न हों।
प्रधानाध्यापिका निर्मला देवी ने बताया कि नई इमारत पर काम शुरू हो गया है, लेकिन इसके पूरा होने तक उनके पास खुले में कक्षाएं लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा, “हम एक कमरे को कार्यालय के रूप में इस्तेमाल करते हैं और दूसरे कमरे में फर्नीचर और दोपहर के भोजन का भंडारण किया जाता है। हमें तीसरे कमरे में छात्रों को समायोजित करना पड़ता है। चूंकि सभी कमरे जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, इसलिए छात्रों के लिए अंदर रहना असुरक्षित है।”
सरपंच अरविंद कुमार ने कहा कि उन्होंने इस मामले को अधिकारियों के समक्ष उठाया है। उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि नए भवन की आधारशिला रखने के बाद काम क्यों नहीं शुरू किया जा रहा है। मैं इस मुद्दे को हांसी विधायक विनोद भयाना के समक्ष उठाऊंगा, जो कल हमारे गांव का दौरा करने वाले हैं।”
उन्होंने बताया कि कई अभिभावकों ने खराब बुनियादी ढांचे के कारण अपने बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने से इनकार कर दिया था तथा उन्हें निजी स्कूल में भेजना पसंद किया था, क्योंकि वे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।