केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जाति जनगणना को लेकर अधिसूचना जारी करने के बाद कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उलाका ने दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी के दबाव के चलते केंद्र सरकार को जाति जनगणना कराने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने इसके लिए स्पष्ट समय सीमा की मांग की है।
सप्तगिरि उलाका ने सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के लगातार दबाव के कारण सरकार जाति जनगणना कराने के लिए मजबूर हुई। हालांकि, हमारी मांग सिर्फ जाति जनगणना की घोषणा के लिए नहीं है, हम एक स्पष्ट समयसीमा, आवंटित बजट का विवरण और जनगणना के संचालन के लिए अपनाए जाने वाले मॉडल के बारे में स्पष्टता चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि जाति का नाम लेकर यह किया जाए। तेलंगाना में जिस तरह से बातचीत कर मॉडल निकाला गया है, वैसे ही होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे विपक्ष को लेकर इस पर चर्चा करें।”
बता दें कि यह पहली बार है, जब जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जा रहा है। हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में केंद्र ने जाति आधारित गणना को मंजूरी दी थी, ताकि सरकार बेहतर नीतियां बना सके और इन्हें लक्ष्य-आधारित कर सके।
सप्तगिरि उलाका ने ओडिशा सरकार के एक साल पूरे होने पर कहा कि इस एक साल में राज्य में कोई भी काम नहीं किया गया है। लेकिन हर जगह घूमकर सरकार विकास मेला कर अपनी उपलब्धियों को गिना रही है। सरकार ने हर वृद्ध, विधवा और दिव्यांग लोगों को 3,000 रुपए पेंशन देने का वादा किया था। बिजली फ्री करने, हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने जैसे कई वादे किए थे, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है।
उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ओडिशा सरकार हर मोर्चे पर फेल है, कानून-व्यवस्था खराब हो चुकी है और इस सरकार में भ्रष्टाचार हो रहा है। राज्य में महिलाओं पर अत्याचार, बेरोजगारी और पलायन बढ़ा है, विकास नहीं। आदिवासी मुख्यमंत्री होने के नाते लोगों को उम्मीद थी कि आदिवासियों की रक्षा करेंगे, लेकिन शोषण बढ़ गया है।
Leave feedback about this