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वाराणसी में भीषण जलभराव से घाटों का आपसी संपर्क टूटा, पानी मंदिरों तक पहुंचा

Due to severe waterlogging in Varanasi, the ghats were not connected to each other, water reached the temples.

वाराणसी, 31 जुलाई। भारी मानसूनी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से वाराणसी के गंगा घाटों का नजारा डरावना हो गया है।

बारिश की वजह से गंगा के किनारे 20 फीट से ज्यादा पानी भर गया है, जिसकी वजह से प्रशासन ने लोगों को गंगा घाट के किनारे न जाने की सलाह दी है। गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की स्पीड से बढ़ रहा है, लिहाजा घाटों के किराने सभी मंदिर जलमग्न हो गए हैं। इसके अलावा भीषण जलभराव की वजह से 84 घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है।

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट भी बाढ़ के पानी की वजह से जलमग्न हो चुका है। शवों को जलाने के लिए जगह की कमी पड़ रही है। मणिकर्णिका घाट के बारह से आठ अग्नि केंद्र जलमग्न हो चुके हैं। जिसकी वजह से लोग शवदाह घाट की ऊपरी सतह पर करने को मजबूर हैं।

पानी बढ़ने की वजह से भारी संख्या में पहुंचने वाले शव के अंतिम संस्कार करने के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों की मानें तो गंगा का जलस्तर अगर इसी तरह बढ़ता रहा तो पूरा शहर जलमग्न हो सकता है।

लकड़ी व्यापारी नितेश यादव ने आईएएनएस से कहा, “पिछले दो से तीन दिनों में बहुत तेजी से पानी बढ़ा है। पानी की रफ्तार तेज हुई है। शवदाह के लिए नीचे के आठ प्लेटफार्म डूब गए हैं। बस ऊपर का हिस्सा बचा हुआ है, जहां लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।”

बता दें, भारी बारिश की वजह से इस समय पूरे देश की नदियों का जलस्तर अपने चरम स्तर तक पहुंच चुका है। जल परियोजनाओं और तमाम जरूरतों के लिए बने बांधों की वजह से भी जलस्तर बढ़ा। बांधों को खोलने की वजह से पानी तेज रफ्तार में निचले इलाकों में इकट्ठा हो रहा है। देश में इस समय बाढ़ भी कई इलाकों में आई हुई है।

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