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योगी सरकार के प्रयासों से यूपी की महिलाएं बन रही आर्थिक प्रगति की मिसाल

Due to the efforts of Yogi government, women of UP are becoming an example of economic progress.

लखनऊ, 25 फरवरी । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के सकारात्मक परिणाम स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मनरेगा योजनान्तर्गत महिलाओं की भागीदारी 42 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 96 लाख से अधिक परिवारों की महिलाओं को शामिल किया गया है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

ग्राम स्तर पर डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए बीसी सखी योजना के तहत 39,556 बीसी सखी कार्यरत हैं, जिन्होंने अब तक 31,103 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेन-देन संपन्न किया है। इसके माध्यम से महिलाओं ने 84.38 करोड़ रुपये का लाभांश अर्जित किया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही लखपति महिला योजना के तहत 31 लाख से अधिक दीदियों का चिन्हांकन किया गया है। इनमें से 2 लाख से अधिक महिलाएं पहले ही लखपति बन चुकी हैं। इस योजना ने ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान किए हैं, जिससे वे आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही हैं।

प्रदेश सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इसके अंतर्गत प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। इससे न केवल खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि हजारों महिलाओं को नए रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में हो रहे ये प्रयास महिला सशक्तीकरण की एक नई मिसाल बन रहे हैं। सरकार की ये योजनाएं न केवल ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही हैं।

योगी सरकार प्रदेश के सभी 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में एक-एक सूर्य सखी की तैनाती करेगी। इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के तहत लाखों महिलाओं द्वारा स्थापित उद्यमों को अब डिस्ट्रिब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी (डीआरई) उत्पादों से जोड़ा जाएगा। पहले चरण में 10,000 उद्यमों को सोलर आधारित तकनीकों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे महिलाओं को सतत रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

वर्तमान में समूह की महिलाओं द्वारा लाखों की संख्या में उद्यम स्थापित किए गए हैं। इन सभी महिलाओं द्वारा स्थापित उद्यमों को डीआरई प्रोडक्ट जैसे सोलर आटा चक्की, सोलर वाटर पंप, सोलर ड्रायर, सोलर ड्री फ्रीजर, सोलर कोल्ड स्टोरेज, सोलर फूड प्रोसेसिंग मशीन, बायो फोलोक में सोलर सिस्टम, मिल्क चिलर को डीआरई प्रोडक्ट के माध्यम से जोड़ने की पहल शुरू की जाएगी।

प्रथम चरण में 10 हजार उद्यमों को डीआरई प्रोडक्ट से जोड़ा जाना प्रस्तावित है। यूपीएसआरएलएम के तहत ‘प्रेरणा ओजस’ नामक कंपनी का गठन किया गया है, जो सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को सहयोग देगी। यह कंपनी सोलर प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग, सोलर शॉप्स, क्लीन कुकिंग और अन्य क्षेत्रों में महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें उद्यमिता से जोड़ रही है।

इसके अलावा, उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीनेडा) के साथ मिलकर ‘सूर्य सखी’ कार्यक्रम की भी शुरुआत की गई है, जिसके तहत प्रदेश की 57,702 पंचायतों में एक-एक सूर्य सखी की नियुक्ति की जाएगी।

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