June 10, 2025
National

लालू के राज में ‘गुंडागर्दी’ सरकार कराती थी, नीतीश के राज में ‘सुशासन’: सम्राट चौधरी

During Lalu’s rule, the government used to do ‘hooliganism’, during Nitish’s rule, there was ‘good governance’: Samrat Chaudhary

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने को लेकर भाजपा के नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि लूटने वाले ऐसे ही गलत बोलते हैं।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के राज में सुशासन है और लालू यादव के राज में गुंडागर्दी सरकार कराती थी और वे स्वयं कराते थे, इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज तो कोई भी अपराधी बिहार में बच नहीं सकता। पुलिस पर कोई दबाव नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साफ निर्देश है कि अपराधी अगर गोली चलाए तो पुलिस भी गोली चलाए। किसी भी स्थिति में अपराधी बचने नहीं चाहिए।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आज कोई भी घटना घटती है तो 48 घंटे में कार्रवाई और गिरफ्तारी होती है। यह सुशासन का प्रतीक है। यहां ऑर्गनाइज्ड क्राइम नहीं है। लालू यादव के अपराध से जुड़े दिए गए आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वे आंकड़े कहां से लाए हैं?

उन्होंने कहा कि 15 साल लालू यादव केवल बोलते रहे, लेकिन एक व्यक्ति को आरक्षण नहीं दिया। दूसरे के राज पर जरूर मुद्दा उठाते हैं। बिहार के लोगों ने लालू यादव के राज को देखा है। गुंडागर्दी, अपराधी, बालू माफिया का प्रतीक लालू यादव हैं।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के 1308 परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।

उन्होंने कहा कि यह योजना डबल इंजन सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसके अंतर्गत कमजोर समुदायों को सामाजिक-आर्थिक न्याय दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा दिनांक 29 अप्रैल 2025 को जारी पत्र के माध्यम से बिहार राज्य को इस योजना में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत जहां अब तक लाभार्थियों को 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि तीन किस्तों में मिलती थी, वहीं अब इस योजना के अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए यह राशि बढ़ाकर 2.00 लाख रुपये कर दी गई है।

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